देवघर । झारखंड का देवघर पर्यटन के लिहाज से महत्वपूर्ण शहर है। इस प्रदेश की सांस्कृतिक राजधानी भी कहा जाता है। विश्व प्रसिद्ध बैद्यनाथ मंदिर में पूजा करने देश विदेश से श्रद्धालु पहुंचते हैं। जो यहां एक-दो दिन रूक कर बाबा नगरी का लुत्फ उठाते हैं। इसके लिए देवघर में हर तरह के होटल मौजूद हैं जहां रुकने के लिए किफायती से लेकर लग्जरी कमरे मिल जाते हैं। इसके अलावा सरकार की ओर से देवघर आने वाले श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए यहां मुफ्त में व्यवस्था की गई है। 
यहां आने वाले लोगों की सुविधा को देखकर देवघर में महिला व जसीडीह में पुरुषों के लिए आश्रय गृह का निर्माण कराया गया है जहां गद्देदार बेड तकिया मच्छरदानी व कंबल का इंतजाम है। साथ ही पानी बिजली शौचालय व स्नानागार की भी व्यवस्था की गई है। यहां रात्रि विश्राम बिल्कुल मुफ्त है। इसका संचालन दीनदयाल अंत्योदय राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत भारत सरकार एवं नगर विकास एवं आवास विभाग झारखंड सरकार के संयुक्त प्रयास से किया जा रहा है। स्थानीय स्तर पर नगर निगम इसकी निगरानी करता है। 
देवघर के प्राइवेट बस स्टैंड के पीछे संचालित महिला आश्रय गृह में ठहरने के लिए 50 बेड का इंतजाम किया गया है। वहीं जसीडीह के नरेंद्र भवन में पुरुषों के लिए आश्रय गृह संचालित है। यहां 45 बेड की व्यवस्था है। आश्रय गृह में विश्राम करने के लिए आधार कार्ड दिखाना अनिवार्य है। रात 10 बजे के बाद प्रवेश की अनुमति नहीं होती है। 
ठहरने के लिए गद्दा कंबल चादर पानी बिजली आदि की सुविधा दी जाती है। वहीं पुरुष आश्रय गृह के केयरकेटर ने बताया कि यहां लोगों के विश्राम के लिए 45 बेड का इंतजाम किया गया है। साफ-सफाई का खास ख्याल रखा जाता है। आगंतुकों के लिए आधार कार्ड दिखाना अनिवार्य है। यह सेवा पूरी तरह से मुफ्त है।