सनातन धर्म और वास्तुशास्त्र में मानव जीवन से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातें और नियम बताए गए है। जिनके अनुसार चलने से व्यक्ति को सुख समृद्धि और तरक्की मिलती है।

लेकिन इनकी अनदेखी बहुत भारी पड़ती है।

इसी तरह वास्तुशास्त्र में भोजन से जुड़े कई नियम बताए गए है। जिसके अनुसार भोजन करने के बाद थाली में हाथ भूलकर भी नहीं धोना चाहिए। ऐसा करना व्यक्ति के दुर्भाग्य का कारण बनता है। तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा भोजन करने से जुड़े नियम के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते है।

धार्मिक तौर पर अन्न को देवता माना गया है और अगर कोई अन्न व भोजन का अपमान करता है तो इससे मां अन्नपूर्णाा क्रोधित हो सकती है। जिसके कारण घर परिवार के लोगों को गरीबी, दरिद्रता और धन धान्य की कमी का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में भूलकर भी अन्न व भोजन का अपमान नहीं करना चाहिए। इसके अलावा भोजन करने के बाद थाली में हाथ धोना दुर्भाग्य को बढ़ता है और साथ ही ऐसा करने से माता लक्ष्मी और देवी अन्नपूर्णा नाराज़ हो जाती है।

जिसके कारण धन दौलत की कमी आ सकती है। इसलिए भूलकर भी ऐसी गलती नहीं करनी चाहिए। साथ ही भोजन की थाली में उतना ही भोजन लेना चाहिए जितना आप कर सकें। भोजन की बर्बादी को भी परेशानियों व मुसीबतों का कारण माना गया है। ऐसा करने से व्यक्ति गरीबी की आग में जलता है इसलिए भूलकर भी कभी भोजन की बर्बाद न करें।