लंदन । पारिवारिक सहयोग, सभी बाधाओं को पार कर कामयाब होने का दृढ़ संकल्प, पेशेवर कार्यशैली और भविष्य को लेकर आश्वस्त रहना, ब्रिटेन में प्रवासी भारतीयों की सफलता के मुख्य कारण हैं। लंदन में किए गए एक अध्ययन से यह बात सामने आई है। ग्रांट थ्रोंटन और भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) द्वारा संकलित अध्ययन ब्रिटेन में भारत : प्रवासी प्रभाव 2.0 को शुक्रवार को लंदन में भारतीय उच्चायोग में जारी किया गया।
इसमें ऐसे प्रवासी उद्यमियों और पेशेवरों के साक्षात्कार की श्रृंखला को शामिल किया गया, जिन्होंने भारत-ब्रिटेन संबंधों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। पिछली जनगणना के अनुसार ब्रिटेन में करीब 15 लाख प्रवासी भारतीय रह रहे हैं, जबकि रिपोर्ट में अब इसके बढ़ कर करीब 17 लाख तक पहुंचने का अनुमान लगाया गया है। इंडिया हाउस में आयोजित कार्यक्रम में ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त गायत्री इस्सर कुमार ने कहा, प्रवासी भारतीय, भारत-ब्रिटेन संबंधों का मूल तत्व हैं, जैसा कि हमारे प्रधानमंत्री ने इन्हें जीवंत संपर्क करार दिया था।
उच्चायुक्त ने इन संबंधों को और मजबूत व गहरा करने पर जोर देते हुए कहा, भारत-ब्रिटेन के बीच 75 वर्षों के संबंधों का उत्सव मनाने के मद्देनजर मैं प्रवासी भारतीयों से उनकी आकांक्षाओं को ऊंचा रखने का आह्वान करती हूं। भारतीय मूल की प्रमुख हस्ती और फिक्की की ब्रिटिश इकाई की अध्यक्ष ऊषा पराशर ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में युवाओं के योगदान का उल्लेख किया। रिपोर्ट में प्रवासी भारतीयों के स्वामित्व वाली या उनके नेतृत्व वाली कंपनियों के ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में योगदान का भी उल्लेख किया गया है।