कोलकाता  कोलकाता में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में सीवी आनंद को बुधवार को पद और गोपनीयता की शपथ ली। इस दौरान राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मौजूद रहीं। सीवी आनंद बोस ने कोलकाता में राज्य के राज्यपाल के रूप में शपथ ग्रहण के बाद प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी व अन्य नेताओं से मुलाकात की। वहीं राज्यपाल के शपथ ग्रहण समारोह को लेकर भी विवाद हो गया है। 
भाजपा ने राज्य सरकार की ओर से किए गए इंतजाम पर सवाल उठाए हैं। पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि राज्यपाल को बधाई देते हुए मैं कहना चाहता हूं कि आज मैं और बंगाल के भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार राजभवन में शपथ समारोह के लिए पहुंचे थे लेकिन हमें दरवाज़े से लौटना पड़ा। 
शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार ने शपथ ग्रहण समारोह में बैठने के लिए राज्य के मंत्रियों के हिसाब से इंतज़ाम किए, अगर टीएमसी सांसदों को आमंत्रित किया जा सकता है और वे सबसे आगे बैठ सकते हैं तो सुकांत मजूमदार को क्यों नहीं आमंत्रित किया गया? वह भी सांसद हैं। यह एक अभद्र राजनीति का शर्मनाक उदाहरण कि विपक्ष के नेता यानि मेरी कुर्सी विधायक कृष्णा कल्याणी और विश्वजीत दास जोकि भाजपा के टिकट पर चुने गए थे और बाद में टीएमसी में चले गए थे, उनके बगल में लगाई गई।
बता दें कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के 1977 बैच के केरल कैडर के सेवानिवृत्त अधिकारी बोस राज्यपाल के रूप में गणेशन की जगह ली है। जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने के लिए राज्यपाल पद से इस्तीफा देने पर जुलाई में गणेशन को उनका उत्तराधिकारी नियुक्त किया गया था।