आचार्य चाणक्य को भारत के महान ज्ञानियों और विद्वानों में से एक माना जाता हैं इनकी नीतियां देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं जिसे चाणक्य नीति कहा जाता हैं चाणक्य ने अपने जीवन के अनुभवों को नीतिशास्त्र में पिरोया हैं जो आज के दौरान में भी उतनी ही कारगर है जितनी की उस समय थी।

चाणक्य ने मानव जीवन से जुड़े हर पहलु पर अपनी नीतियों का निर्माण किया हैं जिसका अनुसरण अगर कोई व्यक्ति कर लेता हैं तो उसका पूरा जीवन सरल और सफल हो जाता हैं चाणक्य ने बुरे वक्त को लेकर भी एक ऐसी तरकीब बताई हैं जिसका पालन करने से व्यक्ति हर हाल में कामयाबी हासिल करता हैं तो आज हम आपको इसी से जुड़ी चाणक्य नीति बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।

संकट से जुड़ी चाणक्य नीति-
आचार्य चाणक्य की नीति अनुसार बुरा वक्त आने पर मनुष्य को सबसे पहले अपने डर पर काबू करना चाहिए क्योंकि भय मनुष्य को अंदर से कमजोर करता है किसी भी हालात से लड़ने के लिए पहले भर से लड़ना जरूरी होता हैं इसके अलावा संकट के समय मनुष्य को धैर्य का साथ नहीं छोड़ना चाहिए। अक्सर बुरे वक्त में लोग घबरा जाते हैं जिससे गलत फैसले कर लेते हैं ऐसे में मनुष्य को धैर्य बनाकर रखना चाहिए क्योंकि जिस तरह रात के बाद दिन आता हैं ठीक उसी तरह बुरे समय के बाद अच्छा वक्त जरूर होता हैं।

चाणक्य नीति कहती है कि संकट आने पर उसके कारण और निवारण का आत्म मंथन जरूर करें इसके बाद रणनीति तैयार करें। बुरे वक्त को एक चुनौती की तरह लें और ठोस रणनीति से उसे पराजित कर सफलता हासिल करें। संकट काल में साहस और संयम का होना बेहद जरूरी हैं क्योंकि मुश्किल वक्त का सामना अगर डटकर किया जाए तो सफलता जरूर मिलती हैं।