इस्लामाबाद । पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के उस दावे की हवा निकाल दी है, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें सत्ता से हटाने के लिए अमेरिका ने साजिश रची है। एनएससी ने कहा है कि इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार गिराने के पीछे कोई विदेशी साजिश सामने नहीं आई है। 
पूर्व पीएम इमरान खान लगातार दावा करते रहे हैं कि उनकी सरकार गिराने के पीछे अमेरिका का हाथ है। पाकिस्तानी संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने पर इमरान खान को इस्तीफा देना पड़ा था। जिसके बाद पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री बने शहबाज शरीफ ने नेशनल असेंबली में ऐलान किया था कि वह पहली बैठक में ही एनएससी की बैठक बुलाकर विदेशी साजिश के दावे का पर्दाफाश करेंगे। उन्होंने यहां तक कहा था कि यह बैठक कैमरे के सामने होगी और इसमें सरकार, पाकिस्तानी सेना और तत्कालीन राजदूत को भी शामिल किया जाएगा। जिसके बाद शुक्रवार को पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक आयोजित की गई।
इस बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया है कि इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार को गिराने के पीछे कोई विदेशी साजिश नहीं थी। एनएससी ने वाशिंगटन में पाकिस्तान दूतावास से प्राप्त टेलीग्राम पर चर्चा की। बैठक में शामिल अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत ने समिति को अपने टेलीग्राम के संदर्भ और सामग्री के बारे में जानकारी दी। इस बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने की। एनएससी पाकिस्तान के सुरक्षा मामलों के समन्वय के लिए सर्वोच्च मंच है।
इस बैठक में अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत असद मजीद, चेयरमैन ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी जनरल नदीम रजा, सेनाध्यक्ष जनरल कमर जावेद बाजवा, नौसेना प्रमुख एडमिरल मुहम्मद अमजद खान नियाजी, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल जहीर अहमद बाबर और वरिष्ठ नागरिक और सैन्य अधिकारी शामिल हुए। सरकार की तरफ से रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ, गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह, सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब, योजना मंत्री अहसान इकबाल और विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार भी उपस्थित थीं। बयान के अनुसार, एनएससी ने राजदूत के शेयर किए गए कम्यूनिकेशन कंटेंट की जांच की और पिछले एनएससी बैठक के निर्णयों की पुष्टि की। बयान में कहा गया कि प्रमुख सुरक्षा एजेंसियों ने एनएससी को सूचित किया कि उन्हें किसी साजिश का कोई सबूत नहीं मिला है।