भारतीय शेयर बाजार में सकारात्मक रुझान के चलते विदेशी निवेशकों ने मई में अब तक 30,945 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इतनी बड़ी मात्रा में फॉरेन पोर्टफोलियो निवेशकों की ओर से निवेश के पीछे की वजह भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूत स्थिति, ब्याज दर में कमी आने की आशंका और कंपनियों द्वारा पेश किए गए मजबूत नतीजों को माना जा रहा है।

मई में हुए दमदार निवेश के कारण 2023 में फॉरेन पोर्टफोलियो निवेशकों की ओर से किया जाने वाले निवेश का आकंड़ा सकारात्मक हो गया है। डिपॉजिटरीज की आकंड़ों को मुताबिक, एफपीआई की ओर से 16,365 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है।

इससे पहले अप्रैल में एफपीआई की ओर से 11,630 करोड़ रुपये और मार्च में 7,936 करोड़ का निवेश किया गया था। वहीं, जनवरी और फरवरी में एफपीआई ने 34,000 करोड़ रुपये बाजार से निकाले थे। इक्विटी में निवेश करने के साथ एफपीआई की ओर से डेट मार्केट 1,057 करोड़ का निवेश किया गया है।

पिछले हफ्ते बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिला था और सेंसेक्स 298 अंक या 0.48 प्रतिशत गिरकर बंद हुआ था।

आगे कैसा रहेगा FPI का निवेश?

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के प्रमुख रणनीतिकार, वीके विजयकुमार ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत में बताया कि एफपीआई की ओर से ये निवेश जारी रह सकता है, क्योंकि कॉरपोरेट आय में तेजी देखी जा रही है।

किन सेक्टरों में निवेश कर रहे FPI?

एफपीआई मौजूदा समय में पूरे बाजार को लेकर बुलिश नजर आ रहे हैं। सबसे ज्यादा खरीदारी फाइनेंशियल, ऑटो, कैपिटल गुड्स, एफएमजीसी, हेल्थकेयर, टेलीकॉम, रियल्टी और ऑयल एंड गैस शेयरों में देखने को मिली है। फाइनेंशियल शेयरों में 8,382 करोड़ का निवेश किया गया है।