रीवा ।  दो महीने पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए पूर्व विधायक अभय मिश्रा का फिर पार्टी से मोहभंग हो गया। उन्होंने बुधवार को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा को इस्तीफा भेज दिया। 2008 में अस्तित्व में आई सेमरिया विधानसभा क्षेत्र से पहली बार भाजपा की टिकट से अभय मिश्रा विधायक बने थे। जबकि 2013 में उनकी पत्नी पुनः भाजपा के टिकट से सेमरिया से ही विधायिका चुनी गई थी। 2018 के चुनाव में अभय मिश्रा ने भाजपा छोड़कर रीवा विधानसभा से कांग्रेस की टिकट पर भाजपा के विरूद्ध चुनाव लड़ा था। जिसमें उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा था। इसी साल 11 अगस्त को उन्होंने भाजपा की सदस्यता ली थी। बुधवार को ही विंध्य में कांग्रेस को बड़ा झटका देते हुए पूर्व विस अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी के पोते सिद्धार्थ भाजपा में शामिल हो गए।

एक माह पहले ही दिया था कांग्रेस से इस्तीफा

अभय मिश्रा ने एक माह पूर्व उन्होंने भाजपा की सदस्यता ली थी। उस समय उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया था कि कांग्रेस की रीति-नीति उन्हें अच्छी नहीं लगती है। हालांकि उन्होंने यह भी दावा किया था कि उन्हें टिकट के लिए पूर्व मुख्यमंत्री व प्रदेश अध्यक्ष कांग्रेस, कमलनाथ द्वारा इशारा किया गया था। इसके बावजूद वह भाजपा की सदस्यता ले लिये थे। सदस्यता के दौरान उनकी पत्नी व पूर्व विधायक नीलम मिश्रा भी भाजपा में आ गई थी। जिसे लेकर अटकलें लगाई जा रहीं थी कि सेमरिया विधानसभा में चेहरे का बदलाव होगा।

वादा खिलाफी का आरोप

हालांकि बीजेपी की अभी 5वीं सूची जारी नहीं हैं। बावजूद इसके पूर्व विधायक अभय मिश्रा ने मुख्यमंत्री सहित अन्य नेताओं पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए भाजपा को अलविदा कह दिया है। जो भी दायित्व उनके द्वारा सौंपा जाएगा उसका वह पालन करेंगे। बताते चले कि अभय मिश्रा के इस्तीफे के बाद सेमरिया विधानसभा की सियासत गरमा गई है।