भोपाल। प्रदेश में राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों को आईपीएस अवार्ड के लिए 16 दिसंबर को दिल्ली में बैठक होगी। इस बैठक में रापुसे के 12 अधिकारियों के नाम पर विचार विमर्श के बाद चार अधिकारियों को आईपीएस के लिए प्रमोट किया जाएगा। बता दें कि इन पदों के लिए पहले इसी वर्ष मार्च में डीपीसी कराने की तैयारी थी, पर लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के कारण इसे टाल दिया गया था। गौरतलब है कि समय पर डीपीसी नहीं होने के कारण मप्र आईएएस का कैडर पूरा नहीं हो पा रहा है। आलम यह है कि मप्र में आईएएस के लिए होने डीपीसी हर साल पिछड़ जाती है। इस बार राज्य पुलिस सेवा के चार अधिकारियों की आईपीएस के रूप में पदोन्नति के लिए 16 दिसंबर को दिल्ली में संघ लोक सेवा आयोग के मुख्यालय में बैठक होगी। इसमें मुख्य सचिव अनुराग जैन, डीजीपी कैलाश मकवाना और अपर मुख्य सचिव गृह एसएन मिश्रा सम्मिलित होंगे। इसके लिए वरिष्ठता के अनुसार 12 अधिकारियों का नाम भेजा गया है। जो अधिकारी पदोन्नत होने वाले हैं उनमें एक 1995 बैच के और बाकी तीन 1997 बैच के हैं।

आईएएस अवार्ड भी होंगे
पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों ने बताया कि इसके बाद राज्य पुलिस सेवा के चार अधिकारी आईपीएस में पदोन्नत होंगे। वरिष्ठता के अनुसार जिनके नाम भेजे गए हैं, उनमें 1995 बैच के प्रकाश चंद्र परिहार, 1997 बैच के दिलीप कुमार सोनी, सीताराम सत्या, अवधेश प्रताप सिंह बागरी, राजेंद्र कुमार वर्मा, अमृत मीणा और विक्रांत मुराब। 1998 बैच के सुरेन्द्र कुमार जैन, आशीष खरे, राजेश रघुवंशी, निमिषा पांडेय और राजेश कुमार मिश्रा का नाम शामिल है। इसके अतिरिक्त राज्य प्रशासनिक सेवा के सात अधिकारियों को आईएएस अवार्ड करने के लिए डीपीसी होने वाली है। इसमें 2007 और 2008 बैच के अधिकारियों को शामिल किया गया है।

कम हो सकते हैं एसडीजीपीके दो पद
 प्रदेश में विशेष पुलिस महानिदेशक ( एसडीजीपी ) के 12 में से दो पद कम हो सकते हैं। इसकी वजह यह कि केंद्र ने अस्थायी तौर पर विशेष डीजी के दो पद दिए थे। दिसंबर 2024 में यह अवधि पूरी हो रही है। शासन ने केंद्र को इन पदों को यथावत रखने प्रस्ताव भेजा है, पर अभी तक स्वीकृति नहीं मिली है। बता दें कि प्रदेश में डीजीपी सहित डीजी के काडर पद पांच हैं। इतने ही यानी पांच नान काडर पद सरकार बना सकती है। इस तरह 10 से अधिक पद नहीं हो सकते। केंद्र सरकार की अनुमति से राज्य सरकार ने लगभग पांच वर्ष पहले 10 की जगह 12 पद कर लिए थे। दो पद अस्थायी तौर पर बढ़ाए थे। दरअसल, एडीजी को स्पेशल डीजी बनाने से राज्य सरकार पर वेतन-भत्ते और अन्य किसी चीज का अतिरिक्त खर्च नहीं पड़ता। किसी वर्ष तो छोटा तो कभी बड़ा बैच होने के कारण अन्य राज्यों की तुलना में मप्र में पदोन्नति देरी से हो रही है। कुछ राज्यों में 1992 बैच तक के अधिकारी डीजीपी तेक बन चुके हैं। प्रदेश में 1992 बैच के अधिकारियों को इस वर्ष से स्पेशल डीजी बनाने की शुरुआत हुई है। अभी अकेले पंकज श्रीवास्तव स्पेशल डीजी बने हैं। अब अगला नंबर आदर्श कटियार और पवन श्रीवास्तव का है।


 राज्य वन सेवा के 13 अफसर बने आईएफएस
मप्र राज्य वन सेवा के 13 अफसरों को पदोन्नति देते हुए आईएफएस अवार्ड कर दिया गया है। इनमें वे विवादित अफसर भी शामिल हैं, जिनकी विभागीय जांच और कदाचरण के मामले में पिछले कई सालों से विभागीय जांच चल रही थी, इस कारण पिछले 3 साल डीपीसी का लिफाफा बंद रखा गया है। सभी को 2022 बैच अलाट किया गया है। इनमें हेमलता शाह, आशीष बसोंड, विद्याभूषण सिंह, गौरव कुमार मिश्रा, तरुण वर्मा, डॉ. कल्पना तिवारी, हेमंत यादव, सुरेश कुमार अहिरवार, राकेश कोडपे, प्रीति अहिरवार, लोकेश निरापुरे, राजाराम परमार, करन सिंह रंधा शामिल हैं। केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने गुरुवार को इनके आईएफएस कैडर में पदोन्नति के आदेश जारी कर दिए।