भोपाल । भोपाल, उज्जैन, सागर, शहडोल संभाग के जिलों में तेज बौछारें पड़ने के आसार हैं। शेष क्षेत्रों में हल्की बारिश होगी। मानसून द्रोणिका मध्य प्रदेश से होकर जा रही है। बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बन गया है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक प्रदेश में रुक-रुककर बारिश होने का सिलसिला अभी बना रहेगा। गुरुवार को जबलपुर संभाग के जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश हो सकती है।बुधवार सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक ग्वालियर में सात, पचमढ़ी में पांच, धार में चार, नर्मदापुरम में तीन, भोपाल एवं इंदौर में दो मिलीमीटर बारिश हुई। बता दें कि इस सीजन में एक जून से लेकर बुधवार सुबह साढ़े आठ बजे तक मप्र में कुल 772.8 मिमी. वर्षा हुई है। जो सामान्य वर्षा (880.2 मिमी.) की तुलना में 12 प्रतिशत कम है। 21 जिलों में सामान्य से 20 से लेकर 38 प्रतिशत तक कम वर्षा हुई है। मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक वर्तमान में दक्षिण-पश्चिमी उत्तर प्रदेश पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात मौजूद है। इस चक्रवात से लेकर पूर्वी उत्तर प्रदेश से होकर झारखंड, उत्तरी ओडिशा से बंगाल की खाड़ी तक एक द्रोणिका बनी हुई है।मानसून द्रोणिका भी जैसलमेर, कोटा, गुना, सतना, अंबिकापुर, चाईबासा, बालासोर से होते हुए बंगाल की खाड़ी तक जा रही है। इसके अतिरिक्त बंगाल की खाड़ी में हवा के ऊपरी भाग में बना चक्रवात कम दबाव का क्षेत्र बन गया है। पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि कम दबाव का क्षेत्र गुरुवार को गहरे कम दबाव के क्षेत्र में परिवर्तित हो सकता है। मानसून द्रोणिका भी लगातार मप्र में बनी हुई है। इस कारण रुक-रुककर बारिश का दौर जारी रहने की संभावना है।