कोलंबो । श्रीलंका के मुख्य विपक्षी दल ने प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे और उनके मंत्रिमंडल के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव जारी किया है। विपक्ष का आरोप है कि देश जब अपने सबसे बुरे आर्थिक दौर से गुजर रहा है, तब राजपक्षे ने अपने संवैधानिक दायित्वों का निर्वहन नहीं किया। साजित प्रेमदासा के नेतृत्व में यूनाइटेड पीपुल्स फोर्स पार्टी के एक समूह ने मंगलवार को प्रस्ताव पेश किया और संसद के अध्यक्ष महिंदा यापा अबेवर्देना से अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान कराने की मांग की। संसद की बुधवार को होने वाली बैठक में यह निर्णय लिया जा सकता है कि अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान हो या फिर नहीं हो। 
यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब देशभर में राजपक्षे और उनके छोटे भाई राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं। राजपक्षे और उनके मंत्रिमंडल को सत्ता से हटाने के लिए 225 सदस्यीय संसद में बहुमत चाहिए होगा। यूनाइटेड पीपुल्स फोर्स के पास 54 मत हैं और उन्हें छोटी पार्टियों से समर्थन मिलने की उम्मीद है। सत्तारूढ़ दल के पास लगभग 150 मत हैं, लेकिन आर्थिक संकट के दौरान इस संख्या में कमी आई है जिससे कुछ नेताओं के पार्टी के विपरीत जाने की आशंका है। 
श्रीलंकाई संसद की बुधवार को होने वाली बैठक के बाद इस पर निर्णय लिया जा सकता है कि अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान कराया जाए या नहीं। यूनाइटेड पीपुल्स फोर्स ने राष्ट्रपति के विरुद्ध भी अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है लेकिन इससे उनके पद को कोई खतरा नहीं है।