कैपिटल गेन टैक्स से मिलने वाली छूट की लिमिट बढ़ाई
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स बढ़ाने का एलान किया है। इसे शेयर बाजार में निवेश करने वालों के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। कुछ असेट पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स (STCG) भी बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया गया है।
आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि शेयर मार्केट में कैपिटल गेन टैक्स क्या होता है और इसमें बढ़ोतरी का निवेशकों पर क्या असर होगा?
क्या होता कैपिटल गेन टैक्स?
आप जब भी किसी स्टॉक को खरीदते हैं यानी उसमें अपनी कैपिटल लगाते हैं, तो आपको लाभ या नुकसान हो सकता है। आपको मिलने वाले लाभ पर सरकार जो टैक्स लेती है, वो कैपिटल गेन टैक्स होता है। यह दो तरीके का होता है, लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स।
अगर आप स्टॉक को 1 साल के भीतर बेचते हैं, तो मुनाफे पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगता है। यह आपके इनकम टैक्स स्लैब के आधार पर कटता है। वहीं, स्टॉक 1 साल बाद बेचने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा। इसमें 1 लाख रुपये तक की छूट के बाद होने वाले मुनाफे टैक्स देना होता है।
कितना बढ़ा है कैपिटल गेन टैक्स?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में एलान किया कि कुछ निश्चित फाइनेंशियल असेट्स पर STCG टैक्स अब 20 फीसदी लगेगा, जो पहले 15 फीसदी थी। हालांकि, बाकी फाइनेंशियल एसेट्स पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स को 15 फीसदी पर ही बरकरार रखा गया है।
वित्त मंत्री ने बड़ा बदलाव लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स में किया है। यह पहले 10 फीसदी था, लेकिन अब आपको एक साल बाद स्टॉक बेचने पर मुनाफे का 12.5 फीसदी टैक्स देना होगा। इसका मतलब कि लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स में सरकार 2.5 फीसदी का इजाफा किया है।
कैपिटल गेन टैक्स बढ़ाने का असर
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स में इजाफे के बाद शेयर मार्केट में बड़ी गिरावट गई। सेंसेक्स करीब 1200 अकों तक टूट गया, लेकिन बाद में इसने तेजी से रिकवर भी किया। इससे जाहिर होता है कि निवेशकों ने कैपिटल गेन बढ़ाने वाले फैसले को स्वीकार कर लिया है।
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स में बढ़ोतरी का निवेशकों पर कोई बहुत असर नहीं पड़ने वाला। जो निवेशक 10 फीसदी टैक्स दे रहे थे, वे 2.5 फीसदी इजाफे के बाद भी निवेश करना जारी ही रखेंगे, क्योंकि इससे उन्हें अच्छी कमाई का मौका मिलता है। साथ ही, कमाई के कई अन्य माध्यमों में इससे भी कहीं अधिक टैक्स देना पड़ता है। तो मेरे ख्याल से कैपिटल गेन टैक्स में बढ़ोतरी का ओवरऑल शेयर मार्केट पर कोई बड़ा इंपैक्ट नहीं पड़ने वाला।
रिटेल इन्वेस्टर्स को राहत भी मिली
वित्त मंत्री ने कैपिटल गेन टैक्स के साथ ही इससे छूट की लिमिट बढ़ा दी थी। पहले आपको 1 लाख रुपये तक के मुनाफे पर कोई टैक्स नहीं देना होता था। लेकिन, अब 1.25 लाख रुपये का प्रॉफिट टैक्स फ्री रहेगा। यह बदलाव शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन, दोनों पर लागू होगा। इससे खासतौर पर छोटे निवेशकों को लाभ होगा, क्योंकि उन्हें अब 25 हजार रुपये की अतिरिक्त छूट मिलेगी।