नई दिल्ली । नई दिल्ली में मार्च के प्रथम सप्ताह में 40 देशों के विदेश मंत्रियों के साथ जी-20 की बैठक होगी। इस बैठक की अध्यक्षता भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। इस बैठक का एजेंडा भी प्रधानमंत्री मोदी को तय करना है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत सरकार पर जो दबाव बन रहा है। उससे ध्यान हटाने के लिए रूस और यूक्रेन युद्ध को रोकने के लिए जी-20 की बैठक का एजेंडा तैयार किया जा रहा है। भारत इस मामले की अध्यक्षता के अवसर को  बेहतर बनाने के लिए,रूस और अमेरिका के संबंधों को बेहतर बनाने, तथा रूस और यूक्रेन के युद्ध को रोकने के लिए युद्ध विराम की स्थिति पैदा करने  की दिशा में योजना तैयार कर रहा है।
जी-20 की बैठक का मंच आर्थिक विकास का प्रमुख मंच है। जी-20 की सभी बैठकों का एजेंडा भारत में ही तय हो रहा है। कई देश चीन के कर्ज से परेशान हैं।सारी दुनिया रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे, युद्ध के बाद जो आर्थिक एवं सामरिक स्थितियां बनी है। उससे निपटने के लिए प्रधानमंत्री मोदी निरंतर प्रयास में जुट गए हैं। विदेश मंत्रियों की बैठक में यदि कोई अच्छा संदेश दे पाए, अन्य मुद्दों से ध्यान हटाकर केवल रूस और यूक्रेन के मुद्दे पर मोड़ पाए, तो भारत के बहुत सारे मामलों को वह जी-20 की बैठक में उठने ही नहीं देंगे। इसी रणनीति के तहत मार्च में होने वाली विदेश मंत्रियों की बैठक का एजेंडा तैयार किया जा रहा है।