हर व्यक्ति अपने घर में प्रवेश करने से पहले पूजा-पाठ जरूर करवाते हैं. मान्यता है घर में रहने से पहले पूजा करवाने से वहां रहने वाले लोगों के जीवन में किसी तरह की कोई परेशानी नहीं आती. इसके अलावा उन्हें सुख, समृद्धि, सौभाग्य और वैभव की प्राप्ति होती है. घर में वास्तु पूजा करवाने के कुछ नियम वास्तु शास्त्र में बताए गए हैं, जिनका पालन करने से आपके घर में वास्तु दोष नहीं लगता. इसके अलावा किस दिन वास्तु की पूजा करना चाहिए और किस दिन नहीं? इस बारे में अधिक जानकारी दे रहे हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा. इस दौरान राहुकाल का क्या प्रभाव होता है? ये भी जानेंगे

क्या किसी व्रत या त्योहार पर किया जा सकता है गृह प्रवेश?
गृह प्रवेश किसी भी व्रत या त्योहार पर नहीं करवा सकते क्योंकि हिंदू धर्म के ज्यादातर त्योहार पूर्णिमा, अमावस्या या प्रतिपदा, चतुर्थी, षष्ठी, अष्टमी, नवमी और चतुर्दर्शी तिथियों पर मनाए जाते हैं. इस दौरान गृह प्रवेश वर्जित माने गए हैं. इसके अलावा मंगलवार, शनिवार और रविवार के दिन भी गृह प्रवेश करना वर्जित माना गया है.

कब करवा सकते हैं गृह प्रवेश?
ऊपर बताए गए दिनों और तिथियों के अलावा सप्ताह और दिनों पर गृह प्रवेश किया जा सकता है. गृह प्रवेश के लिए शुक्ल पक्ष की द्वितीया, तृतीया, पंचमी, सप्तमी, दशमी, ग्यारस, द्वादशी और त्रयोदशी तिथियां सबसे शुभ मानी गई हैं.

हिंदू पंचांग के अनुसार गृह प्रवेश करने के लिए सबसे पहले तिथि, नक्षत्र, वार और समय देखा जाता है. गृह प्रवेश की पूजा किसी विद्वान पंडित से ही करवानी चाहिए. जो पूरे विधि-विधान से मंत्रोच्चार के साथ गृह प्रवेश करवा सके.

किस माह में करा सकते हैं गृह प्रवेश?
गृह प्रवेश के लिए सबसे उत्तम माह माघ, फाल्गुन, वैशाख और ज्येष्ठ माने गए हैं.
इसके अलावा आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, आश्विन, पौष गृह प्रवेश के लिए ठीक नहीं माने गए हैं.

राहुकाल का असर
वास्तु शास्त्र और वैदिक ज्योतिष में राहुकाल को बेहद अशुभ समय माना जाता है. गृह प्रवेश जैसी पवित्र पूजा कभी भी राहुकाल में नहीं की जाती. ना ही राहुकाल कोई शुभ काम किया जाता है. गृह प्रवेश के लिए सबसे शुभ मुहूर्त निकाला जाता है और पूरे विधि विधान से इसकी पूजा की जाती है.