लखनऊ । लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों को एक करने की मुहिम को फिर झटका लगा है। अब रालोद के मुखिया जयंत चौधरी ने पटना में होने वाली मीटिंग में शामिल होने पर असमर्थता जाहिर की है। हालांकि, उन्होंने पत्र लिखकर समर्थन जताया है। उन्होंने बताया कि पूर्व निर्धारित पारिवारिक कार्यक्रम के चलते वह बैठक में हिस्सा नहीं ले सकते हैं। 
दरअसल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 23 जून को पटना में गैर भाजपा दलों की बैठक बुलाई है। इसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, आम आदमी पार्टी (आप) सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल और कई वाम दलों के नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है। मगर इस बीच राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के मुखिया चौधरी ने खुद को इस बैठक से अलग कर लिया है। उन्होंने पारिवारिक कार्यक्रम का हवाला देकर बैठक में न जाने की बात कही है।
चौधरी ने पत्र जारी कर लिखा कि आगामी 23 जून 2003 को पटना में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक में अपने पूर्व निर्धारित पारिवारिक कार्यक्रम के चलते मैं भाग न ले सकूंगा। उन्होंने कहा, आज देश में अधिनायकवादी और साम्प्रदायिक शक्ति जिस तरह लोकतंत्र तथा सामाजिक समरसता के लिए खतरा पैदा कर रही हैं, यह देखकर समानधर्म विपक्षी दलों का एकजुट होना समय की मांग है। देश की अहम समस्याओं और चुनौतियों पर संवाद कर समूचा विपक्ष जनता के सामने एक दूरगामी, व्यावहारिक योजना प्रस्तुत कर सकता है। इसके बाद हम मिलकर युवा, महिलाएं, किसान और वंचित समाज की आकांक्षाओं और विश्वास के साथ देश में सार्थक परिवर्तन ला सकते हैं। मुझे विश्वास है कि यह बैठक विपक्षी एकता की राह में एक महत्वपूर्ण पद सिद्ध होगी। उद्देश्य की सफलता के लिए शुभकामनाएं।