महान शहीदों एवं पराक्रमी योद्धाओं की शहादत को नई पीढ़ी के सामने रखा जाना बेहद जरूरी है। मध्य प्रदेश सरकार इन्हीं महान क्रांतिकारियों, जनजातीय नायकों और शहीदों की गौरव गाथा को स्मारकों के रूप में स्थापित कर उन्हें श्रद्धांजलि दे रही है। इसी कड़ी में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया कि अब मध्य प्रदेश में महाराणा प्रताप के शौर्य एवं पराक्रम के प्रतीक महाराणा प्रताप लोक का निर्माण किया जाएगा। 
प्रदेश सरकार ने महाराणा प्रताप की जीवनी, राष्ट्र भक्ति औऱ बलिदान को महाराणा प्रताप लोक के रूप में भावी पीढ़ी के सामने लाने का फैसला किया है। बुंदेलखंड के गौरव महाराज छत्रसाल जी के योगदान को भी श्रद्धांजलि देते हुए महाराज छत्रसाल के समाधि स्थल मऊ सहानिया (छतरपुर) में उनके जीवन पर भव्य स्मारक बनाया जाएगा। साथ ही धुबेला में वर्तमान संग्रहालय का सुसज्जीकरण और विकास किया जाएगा।

शौर्य, पराक्रम और त्याग की कहानी कहेगा महाराणा प्रताप लोक

महाराणा प्रताप स्मारक की संरचना में कुंभलगढ़ दुर्ग से प्रेरित होगी, जिसमें महाराणा प्रताप की 20 फीट ऊँची प्रतिमा स्थापित की जाएगी। वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप के साथ ही मेवाड़ वंश के गौरव बप्पा रावल, खुमाण प्रथम, महाराणा हम्मीर, महाराणा कुम्भा, महाराणा सांगा एवं उदयसिंह के जीवन चरित्र की प्रदर्शनी भी होगी। महाराणा की जीवनी पर 20 मिनट की फिल्म के प्रदर्शन के लिए इंटरप्रिटेशन सेन्टर, मेवाड़ एवं महाराणा प्रताप के जीवन की घटनाओं और कलाकृतियों को प्रदर्शित करने वाली गैलरी, स्मारक के लैण्डस्केप एरिया में खुली गैलरियों के माध्यम से महाराणा प्रताप द्वारा वन में व्यतीत किए गए कालखंड का प्रदर्शन किया जाएगा। चित्तौड़ में महाराणा कुम्भा द्वारा बनाये गये विजय स्तंभ की प्रतिकृति को स्मारक में स्थापित किया जाएगा। स्मारक में 2000 लोगों की बैठक क्षमता का आकाशीय मंच बनाया जाएगा, जिसमें महाराणा प्रताप के शौर्य, पराक्रम, त्याग एवं बलिदान पर आधारित लाइट एण्ड साउण्ड शो का प्रदर्शन किया जाएगा। निकास मार्ग में प्रमुख युद्धों की भित्तिचित्र प्रदर्शनी और 3-D कलाकृतियों का चित्रण होगा। 

भाजपा सरकार का शौर्य को नमन

स्मारकों के जरिए शहीदों की गौरव गाथा से युवा पीढ़ी को अवगत कराने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वाहन का मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बढ़-चढ़कर क्रियान्वयन कर रहे हैं। प्रदेश में जननायकों को सच्ची श्रद्धांजलि देने के लिए कई ऐतिहासिक कार्य किए गए हैं। गोंड रानी कमलापति के नाम पर भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम रानी कमलापति रेलवे स्टेशन किया गया। पातालपानी में इंडियन रॉबिनहुड टंट्या भील (मामा) की भव्य प्रतिमा स्थापित की गई। गोण्डवाने की रणचण्डी रानी दुर्गावती की शहादत को नमन करने के लिए नर्रईनाला स्थित समाधि स्थल को भव्य रूप दिया जाएगा। चंद्रशेखर आजाद के जन्म स्थल भाबरा (अलीराजपुर) से लाई गई मिट्टी से आजाद की भव्य प्रतिमा का निर्माण कर उसे भोपाल के शौर्य स्मारक में स्थापित किया जाएगा।