पश्चिम बंगाल की सीएम व टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी एक बार फिर केंद्र सरकार पर भड़क गई हैं। दिल्ली के कर्तव्य पथ पर आज शाम होने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस के प्रतिमा लोकार्पण समारोह के न्यौते की भाषा पर नाराजगी जताते हुए बनर्जी ने कहा कि वह कोई उनकी बंधुआ मजदूर नहीं हैं। ममता बनर्जी ने कहा कि दिल्ली में नेताजी की नई प्रतिमा बनाने का मुझे बुरा लगा है, पुरानी प्रतिमा का क्या हुआ? दूसरा यह है कि जिस ढंग से मुझे कार्यक्रम में शरीक होने का न्यौता दिया गया, वह भी अच्छा नहीं है। दिल्ली में नेताजी की प्रतिमा के उद्धाटन समारोह को लेकर मुझे एक अवर सचिव का पत्र मिला। इसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री आज प्रतिमा का उद्घाटन करेंगे। कार्यक्रम शुरू होने से पहले आप वहां मौजूद रहें। इस भाषा पर आपत्ति प्रकट करते हुए ममता बनर्जी ने कहा, ‘क्या मैं उनकी बंधुआ मजदूर हूं।‘

तृणमूल कांग्रेस के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा, ‘बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ मेरे अच्छे संबंध हैं, लेकिन केंद्र ने मुझे उनकी यात्रा का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित नहीं किया। ममता ने हसीना से मुलाकात के लिए आमंत्रित नहीं करने पर केंद्र को फटकार लगाई। 

उन्होंने कहा कि बीरभूम जिले को नहीं पता कि कैसे हारना है। जब तक 'केस्तो' (बीरभूम टीएमसी विधायक अनुब्रत मंडल) वापस नहीं लौटेंगे, हमारी लड़ाई मजबूत रहेगी। भाजपा झूठ बेच रही है और जिला स्तर के नेताओं को डराने के लिए एक के बाद एक मंत्रियों को निशाना बना रही है।