पटना । कांग्रेस की बिहार इकाई के प्रमुख अखिलेश प्रसाद सिंह ने विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं की बैठक से एक दिन पहले गुरुवार को कहा कि लोकसभा चुनाव में विपक्ष की तरफ से प्रधानमंत्री पद का चेहरा घोषित करने का मुद्दा महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि यह जरूरी है कि विपक्षी पार्टियां जल्द एक साझा न्यूनतम कार्यक्रम तैयार कर इसके आधार पर आगे बढ़ें। अखिलेश का कहना था कि ‘‘भारतीय जनता पार्टी-राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ’’ को सत्ता से हटाने के बाद नेतृत्व के सवाल को सामूहिक रूप से सुलझाया जा सकता है।
कांग्रेस नेता सिंह ने दावा किया कि जब विपक्षी दल एकजुट होकर अगले साल होने वाले आम चुनाव लड़ेंगे तब भाजपा 100 से भी कम सीटों पर सिमट जाएगी। बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष का यह बयान वर्ष 2024 में होने वाले आम चुनाव के लिए भाजपा-विरोधी मोर्चे की रूपरेखा तैयार करने के लिए विपक्षी दलों के शीर्ष नेताओं की शुक्रवार को होने वाली अहम बैठक से पहले आया है। अखिलेश ने कहा कि उनकी पार्टी विपक्षी एकता का मुख्य स्तंभ है और यहां होने जा रही बैठक एवं आगे अन्य बैठकों में राजनीतिक दलों के बीच छोटे-मोटे मतभेदों को दूर कर लिया जाएगा।
उन्होंने विपक्षी दलों की बैठक के संदर्भ में कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि सभी नेता साथ बैठेंगे, आगे बढ़ने के लिए सौहार्दपूर्ण समाधान निकलेगा।’’ विपक्ष के पास प्रधानमंत्री पद के लिए कोई चेहरा नहीं होने संबंधी सवाल पर सिंह ने कहा,‘‘मैं आपको 2004 में ले जाना चाहूंगा, जब मनमोहन सिंह हमारे प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नहीं थे और कांग्रेस ने प्रधानमंत्री पद के चेहरे के बिना एक गठबंधन के साथ भाजपा को हराया था और जब (अटल बिहारी) वाजपेयी हार गए, तब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बने और 10 साल लगातार इस पद पर रहे।’’
उन्होंने कहा कि (प्रधानमंत्री पद के लिए) चेहरा बहुत महत्वपूर्ण नहीं है, सभी विपक्षी दल एकजुट होकर चुनाव लड़ना जरुरी है। राज्यसभा सदस्य सिंह ने कहा, ‘‘हमें विश्वास है कि भाजपा 100 से भी कम सीटों पर सिमट जाएगी। सिंह के मुताबिक, फिलहाल प्रधानमंत्री पद के लिए चेहरा तय करना प्राथमिकता नहीं है। उनका कहना है कि भाजपा इस आधार पर सोच सकती है, लेकिन कांग्रेस ने कर्नाटक में भी इस रणनीति पर अमल नहीं किया और वहां बिना चेहरा घोषित किये चुनाव लड़ा। हिमाचल प्रदेश में भी चेहरा घोषित नहीं किया गया था।
राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद का चेहरा बनाने के लिए कांग्रेस के भीतर उठ रही आवाज के बारे में सिंह ने कहा, ‘‘क्या राहुल जी चेहरा होंगे, वह किसी को चेहरा बनाएंगे या कोई दूसरा चेहरा बनेगा, ये सब चीजें फिलहाल जरूरी नहीं हैं। फिलहाल यह जरूरी है कि भाजपा-आरएसएस को सत्ता से हटाया जाए। इसके बाद हम प्रधानमंत्री पद का चेहरा तय कर सकते हैं।’’ विपक्षी दलों में मतभेद संबंधी भाजपा के आरोपों पर उन्होंने कहा कि कुछ छोटे मुद्दे हो सकते हैं, लेकिन उनका समाधान निकाल लिया जाएगा।