जबलपुर ।   कोयले की कमी से जूझ रहे पावर प्लांट तक लगातार कोयला पहुंचाया जा रहा है। इस काम में रेलवे ने बड़ी संख्या में मालगाडियों को दौड़ाया है। कोयला ले जाने के दौरान कई मालगाड़ियों के ब्रेक फेल हो रहे हैं। हाल ही में जबलपुर रेल मंडल की सीमा में चलने वाली चार मालगाड़ियों में ऐसी छह घटनाएं सामने आई हैं, जिसमें इंजन ड्राइवर द्वारा ब्रेक लगाने के बाद भी मालगाड़ी नहीं रुकी। इन घटना से घबराए ट्रेन ड्राइवरों ने इन मालगाड़ियों को चलाने से मना कर दिया। इधर, पश्चिम मध्य रेलवे की यूनियन ने इन घटनाओं को रेलवे की सुरक्षा में बड़ी चूक बताते हुए इन मालगाड़ी के रैक की जांच करने की मांग की, जिसके बाद लखनऊ से रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्डस आर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) की टीम जबलपुर रेल मंडल आकर इन रैक की जांच कर रही है।

यह है मामला

जबलपुर रेल मंडल के आपरेटिंग विभाग द्वारा पावर प्लांट तक कोयला पहुंचाने के लिए बड़ी संख्या में मालगाड़ी चलाई जा रही हैं। रैक की कमी को देखते हुए रेलवे ने निजी कंपनी से भी रैक लिए हैं। इस कंपनी के चार रैक (हर रैक में 58 कोच हैं) में पिछले दिनों ब्रेक फेल होने घटनाएं हुईं। जिस मालगाड़ी को ब्रेक लगाने के बाद 800 से 900 मीटर पर आकर रुकना था, वह पांच किमी के बाद रुकीं। विभागीय सूत्रों के मुताबिक प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई कि इन कोचों में लगाए गए ब्रेक में गड़बड़ी है। गहन जांच में पता चला कि इंजन से ब्रेक का प्रेशर छोड़ने के बाद यह निर्धारित मात्रा में व्हील तक नहीं पहुंचा। बीच में ही ब्रेक हो गया। जांच में यह भी पता चला  कि जिस पाइप की मदद से ब्रेक का पावर छोड़ा गया, उसमें एक प्लास्टिक का टुकड़ा मिला।

रैक दौड़कर देख रही जांच टीम

सात दिनों से जांच टीम के सदस्य जबलपुर रेल मंडल में डेरा डाले हुए हैं। इस टीम में मैकेनिकल, आपरेटिंग और इलेक्टि्कल के एक्सपर्ट की टीम है। ये टीम जबलपुर रेल मंडल के घटना स्थल सागर, सकौनी, पथरिया और बीना स्टेशन के आसपास इन निजी रैक को चलाकर जांच कर रही है। टीम यह देख रही है कि गड़बड़ी ब्रेक में या फिर व्हील में। हालांकि जांच टीम यहां 16 मई तक रुकेगी और सभी तथ्यों को परखकर अपनी रिपोर्ट आरडीएसओ को सौपेंगी। इसके बाद ही ब्रेक न लगने की सही वजह सामने आएगी।

इनका कहना है

कोयला ले जाने वाली मालगाड़ी के कोच में ब्रेक न लगने की घटनाएं सामने आईं, जिसकी जांच करने आरडीएसओ की टीम जबलपुर रेल मंडल आई है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही इसकी वजह का पता चल सकेगा।

राहुल जयपुरिया, सीपीआरओ, पश्चिम मध्य रेलवे