भोपाल।  भोपाल और इंदौर में मेट्रो का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। आगामी सितंबर माह में दोनों महानगरों में मेट्रो का ट्रायल रन करवाने की कोशिश है। यहां पर यह भी बता दें कि मेट्रो कई आधुनिक सुरक्षा प्रणालियों से लैस होगी, जिसमें अनअटेंडेंट आब्जेक्ट आइडेंटिफिकेशन सिस्टम और डिरेलमेंट डिटेक्शन सिस्टम के जरिए यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। इसके अलावा ट्रेन के संचालन के लिए इनबिल्ट साइबर सिक्योरिटी सिस्टम का भी इस्तेमाल किया जाएगा। सभी सुरक्षा प्रणालियों के कारण जहां ट्रेन में सफर आरामदायक होगा। वहीं यात्रियों को पूरी सुरक्षा भी मिलेगी।
मप्र मेट्रो कार्पोरेशन लिमिटेड के अधिकारियों ने बताया कि मेट्रो ट्रेन के कोच और स्टेशन के साथ अन्य स्थनों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इनमें कैप्चर होने वाले वीडियो से संदिग्ध व्यक्ति का चेहरा मिलान कर वीडियो एनालिटिक्स सिस्टम के जरिए उसकी पहचान की जाएगी। इसके लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम की मदद ली जाएगी। इसकी मदद से डाटा तैयार किया जाएगा। जिसमें अपराधियों और गुमशुदा बच्चों के फोटो अपलोड किए जाएंगे। अपराधी जैसे ही कैमरे के संपर्क में आएगा, अलार्म बजना शुरु हो जाएगा। इस सिस्टम को मेट्रो के सेंट्रल सर्वर से जोड़ा जाएगा। लंबे समय तक वीडियो फुटेज संरक्षित रखे जा सकेंगे। खास बात यह होगी कि इस सिस्टम के तहत चश्मा पहने हुए व्यक्ति की पहचान करना भी आसान होगा।
इस तरह होगा काम
अनअटेंडेंट आब्जेक्ट आइडेंटिफिकेशन सिस्टम : इस सिस्टम की सहायता से मेट्रो और प्लेटफार्म पर हर वस्तु पर मेट्रो के संचालन के दौरान सुरक्षाकर्मी बारीक नजर रखेंगे। ऐसे में ऐसा कोई भी सामान जिसका कोई दावेदार नहीं होगा। उसे तुरंत ही प्लेटफार्म से हटाया जाएगा।
डिरेलमेंट डिटेक्शन सिस्टम : डिरेलमेंट डिटेक्शन सिस्टम के जरिए ट्रैक पर किसी तरह की बाधा के होने पर या मेट्रो ट्रेन के डिरेलमेंट होने पर तुरंत जानकारी मिलेगी। ऐसे में ट्रेन को समय पर रोका जा सकेगा। इससे दोनों ओर से चल रही मेट्रो में यात्रियों की सुरक्षा पुख्ता होगी।
इनबिल्ट साइबर सिक्योरिटी सिस्टम : मेट्रो के संचालन का सिस्टम पूरी तरह से साइबर सिक्योरिटी से लैस होगा। ऐसे में इसे हैक करना लगभग नामुमकिन होगा। साथ ही इससे यह सुनिश्चित होगा कि हर ट्रेन का संचालन सही रास्ते पर है।