काठमांडू । नेपाल में चीन के इशारे पर नाच रहे पूर्व पीएम केपी शर्मा ओली के सत्‍ता से बाहर जाने के बाद अब भारत ने भी इस हिमालयी देश में ड्रैगन पर करारा पलटवार करने की तैयारी शुरू कर दी है। नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा की भारत यात्रा के ठीक बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी नेपाल की यात्रा पर जाने वाले हैं। योरोप के दौरे से लौटने के बाद पीएम मोदी बुद्ध जयंती पर लुंबिनी की एक दिवसीय यात्रा पर नेपाल जाएंगे।
प्रधानमंत्री मोदी की नेपाल यात्रा से ठीक पहले भारत ने नवीन श्रीवास्‍तव को नेपाल में राजदूत बनाने की तैयारी कर ली है, जो फिलहाल साऊथ ब्‍लॉक में चीनी मामलों के विशेषज्ञ हैं। पीएम मोदी की नेपाल यात्रा के बारे में अभी औपचारिक ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन सूत्रों ने इसकी पुष्टि की है। सूत्रों ने यह भी बताया है कि नवीन श्रीवास्‍तव नेपाल में भारतीय राजदूत के रूप में विनय मोहन क्‍वात्रा की जगह लेंगे। क्‍वात्रा को भारत का नया विदेश सचिव बनाया गया है। 
नेपाल सरकार के एक सूत्र ने बताया कि नवीन श्रीवास्‍तव के बारे में सूचना हमें मिली है। इसे अंतिम रूप दिया जा रहा है। नेपाल के अनुमति देने के बाद भारत सरकार नवीन श्रीवास्‍तव के नियुक्ति का ऐलान करेगी। नवीन श्रीवास्‍तव कंबोडिया और चीन में भी तैनात रह चुके हैं। इस समय वह विदेश मंत्रालय में पूर्वी एशिया डिवीजन के प्रभारी हैं, जो चीन, उत्‍तर कोरिया, जापान और दक्षिण कोरिया से जुड़े मामलों को देखता है। 
नेपाल और भारत दोनों की देशों के अधिकारियों ने पीएम मोदी की लुंब‍िनी यात्रा के लिए तैयारी शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि पीएम मोदी एक दिन की यात्रा पर नेपाल जाएंगे। नेपाली अधिकारियों ने बताया पीएम मोदी अगर काठमांडू नहीं आ पाते हैं तो नेपाल के पीएम शेर बहादुर देउबा लुंब‍िनी आ सकते हैं। साल 2019 में दोबारा सत्‍ता में आने के बाद पीएम मोदी की यह पहली नेपाल यात्रा होगी। इससे पहले पूर्व पीएम केपी शर्मा ओली ने कार्यकाल में भारत और नेपाल के रिश्ते बहुत बिगड़ गए थे। नेपाल में देउबा सरकार के आने के बाद एक बार फिर से रिश्‍ते सुधर रहे हैं। पीएम मोदी ऐसे समय पर नेपाल जा रहे हैं, जब नेपाल इस समय अमेरिका बनाम चीन की प्रतिद्वंदिता में घिरा हुआ है। चीन ने एमसीसी सहायता लेने पर नेपाल को खुली चेतावनी दी थी। इसके बाद भी नेपाल सरकार ने उसे मंजूरी दी है। अमेरिकी एमसीसी प्रॉजेक्‍ट को मंजूरी मिलने के ठीक बाद चीन ने अपने विदेश मंत्री वांग यी को नेपाल भेजा था और बीआरआई को लागू करने पर जोर दिया था। इसके बाद नेपाल ने श्रीलंका के हालात से सबक लेते हुए लोन लेने से साफ मना कर दिया था। पीएम मोदी नेपाल की यात्रा करके तल्‍ख रिश्‍तों को फिर से पटरी लाने की पहल करने का संकेत देना .चाहते हैं। नवीन श्रीवास्‍तव की राजदूत के रूप में नियुक्ति करके भारत नेपाल में चीन की कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के बढ़ते प्रभाव को कम करने की कोशिश करेगा। लुंबिनी सांस्‍कृतिक रूप से नेपाल और भारत दोनों को ही जोड़ता है। पीएम मोदी लुंब‍िनी की यात्रा करके नेपाल में लंबी योजना पर काम कर रहे हैं।