राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने बुधवार को कहा कि धर्म सत्य है और एक पवित्र कार्य है. जिम्मेदारी के साथ इस रास्ते पर चलने से समाज को शांतिपूर्ण बनाए रखने में मदद मिलेगी.

नागपुर में धर्म जागरण न्यास कार्यालय के उद्घाटन के मौके पर मोहन भागवत ने अपनी बात रखी. उन्होंने कहा, धर्म का पालन और उसके प्रति प्रतिबद्ध रहने से लोगों को संकट के समय में रास्ता निकालने के लिए साहस और संकल्प प्राप्त करने में मदद मिलती है.

क्यों किया छावा फिल्म का जिक्र?
मोहन भागवत ने कहा, अगर धर्म के प्रति आपकी प्रतिबद्धता मजबूत है, तो आप कभी हिम्मत नहीं हारेंगे. उन्होंने इस मौके पर छावा फिल्म का भी जिक्र किया. आरएसएस प्रमुख ने कहा, छत्रपति संभाजी महाराज के जीवन पर आधारित फिल्म ‘छावा’ सभी ने देखी है. सिर्फ बड़े नाम ही नहीं, बल्कि आम लोगों ने भी धर्म के प्रति समर्पित रहने के लिए बलिदान दिया है.

भागवत ने कहा कि यह समाज की जिम्मेदारी है कि वह सुनिश्चित करे कि लोग धर्म के मार्ग से विचलित न हों. उन्होंने कहा, दुनिया को ऐसे धर्म की जरूरत है जो हिंदू धर्म की तरह विविधताओं को मैनेज करे. धर्म हमें अपनापन सिखाता है और विविधताओं को स्वीकार करने की अनुमति देता है. हम विविध हैं, लेकिन एक-दूसरे से अलग नहीं हैं. अंतिम सत्य यह है कि हम अलग दिख सकते हैं, लेकिन हम एक ही हैं.

दिल्ली में हो रही तीन-दिवसीय मीटिंग
आरएसएस की दिल्ली में तीन दिवसीय लेक्चर सीरीज होगी. यह 26, 27 और 28 अगस्त को राजधानी में होगी, जिसके बाद अन्य राज्यों में भी इसका आयोजन होगा. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ 26 अगस्त से शुरू होने वाली तीन दिन की लेक्चर सीरीज के लिए प्रमुख विपक्षी दलों से संपर्क कर सकता है, जिसे सरसंघचालक मोहन भागवत संबोधित करेंगे. यह कार्यक्रम संघ अपने शताब्दी वर्ष समारोह के तहत आयोजित किए जा रहे एक बड़े आउटरीच कार्यक्रम का हिस्सा है.

इस वर्ष विजयादशमी पर आरएसएस अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे करेगा. शताब्दी समारोह से पहले, आरएसएस 26 से 28 अगस्त तक दिल्ली में ‘संघ यात्रा के 100 वर्ष – नए क्षितिज’ शीर्षक से तीन दिवसीय राष्ट्रीय संवाद का आयोजन करेगा.