भोपाल । प्रदेश की जीवन रेखा नर्मदा को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड मोर्चा संभालेगा। नर्मदा नदी के पानी की जांच के लिए मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सेठानी घाट पर नई मशीन लगा रहा है। यह मशीन 24 घंटे पानी की जांच करती रहेगी। साथ ही सेठानी घाट पर एक डिस्पले बोर्ड भी लगाया जाएगा। इस बोर्ड में पानी की जांच की जानकारी हर मिनट अपडेट होगी। लगभग 25 लाख की लागत से यह सिस्टम तैयार किया जा रहा है।
राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के कार्यालय में सर्विलांस सिस्टम है जो कंट्रोल रूम का काम करता है। नर्मदा नदी पर लगाए जाने वाले सर्विलांस सिस्टम इससे जुड़ेगा। जो 24 घंटे पानी की गुणवत्ता से जुड़ी रिपोर्ट देते रहेंगे। ये सिस्टम पानी में तय स्तर से अधिक प्रदूषण मिलने पर अलर्ट मैसेज भी देंगे। इस आधार पर सरकार कार्रवाई करेगी।
नदी के पानी में पीएच, डिजॉल्व ऑक्सीजन, बायोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड, क्लोराइड, सल्फेट, टी हार्डनेस, कैल्सियम हार्डनेस, तापमान, एफ-कोलिफॉम, टी-कोलिफॉम, सोडियम, पोटेशियम, मैग्नेशियम एच, टी-सॉलिड, डी-सॉलिडस, एस-सॉलिड सहित अन्य मानकों पर पानी की जांच की जाएगी।
पर्यावरण विभाग और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नर्मदा नदी में 10 अन्य स्थानों को स्टेशन लगाने के लिए चिंहित किया है। इन स्थानों में डिंडोरी, मंडला, नरसिंहपुर जिले का बरमान घाट, सीहोर जिले में शाहगंज, देवास जिले का नेमावर, खंडवा में ओंकारेश्वर, मंडलेश्वर, धार जिले के धरमपुरी, बड़वानी के राजघाट और आलीराजपुर के ककराना घाट शामिल है।
नर्मदा के पानी की शुद्धता जांचने के लिए सेठानी घाट पर ऑनलाइन मॉनीटरिंग सिस्टम तैयार किया जा रहा है। नर्मदापुरम शहर के साथ ही पचमढ़ी में हवा की जांच करने के लिए मशीन लगाई जाएंगी।
डॉ. प्रवीण कोठारी, जेई, मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड