बिलासपुर। सिम्स में मरीजों की मदद के लिए पूछताछ व सहायता केंद्र बनाया गया है। लेकिन यह हर समय बंद मिलता है। सात सोशल वर्कर होने के बाद भी जरूरतमंद मरीजों को कोई भी मदद नहीं मिल रही है। सिम्स की हालत इतनी अधिक खराब हो चुकी है कि जब भी कोई मरीज इलाज के लिए यहां पहुंचता है तो वह इस बात को लेकर संशय में रहता है कि उसे इलाज मिल पाएगा या नहीं। व्यवस्था इतनी खराब हो चुकी है कि मरीजों को ओपीडी का रास्ता बताने वाला कोई नहीं मिलता है।
ऐसे में इलाज के लिए मरीज को पूरे सिम्स का चक्कर काटने को बाध्य होना पड़ता है। ऐसा नहीं है कि सिम्स प्रबंधन ऐसे मरीजों का सुध नहीं लेना चाहता है। ऐसे मरीजांे के लिए आपातकालीन के बाजू में पूछताछ व सहायता केंद्र बनाया गया है। इसके संचालन की जिम्मेदारी सिम्स के सात सोशल वर्करों को दी गई है। लेकिन यह अपना काम छोड़कर अन्य जगह नजर आते हैं। इसी वजह से सहायता केंद्र में कोई भी वर्कर तैनात नहीं मिलता है। आलम यह हो गया है कि पिछले कुछ दिनों से यह केंद्र बंद पड़ा हुआ है। प्रबंधन के अधिकारियों का रोजाना यहां से आना जाना भी होता है, लेकिन कोई भी इस सहायता केंद्र की तरफ ध्यान नहीं दे रहा है। रोकटोक न होने से सोशल वर्कर लापरवाही कर रहे हैं। सिम्स या मरीजों को इनका कोई फायदा नहीं मिल रहा है।