प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि उनकी सरकार ने देश की विरासत को संरक्षित करने को प्राथमिकता दी है, यहां तक कि उन्होंने इस बात पर भी अफसोस जताया कि आजादी के बाद इस दिशा में पर्याप्त प्रयास नहीं किए गए।अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि जब हम किसी संग्रहालय में जाते हैं तो हमें बीते हुए कल से हमारा परिचय हो रहा होता है। संग्रहालय में जो दिखता है वो तथ्यों के आधार पर होता है। संग्रहालय में एक ओर अतीत से प्रेरणा मिलती है तो दूसरी ओर भविष्य के प्रति अपने कर्तव्य का बोध होता है।

पीएम ने आगे कहा कि लोगों में धरोहरों के प्रति जागरूकता की कमी ने इस क्षति को ज्यादा बढ़ा दिया इसलिए आज़ादी के अमृतकाल में भारत ने जिन ‘पंच-प्राणों’ की घोषणा की है, उनमें अपनी विरासत पर गर्व प्रमुख है। अमृत महोत्सव में हम भारत की धरोहरों को सरंक्षित करने के साथ ही नई सांस्कृतिक बुनियादी ढांचा बना रहे हैं।

दिल्ली स्थित प्रगति मैदान में अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय एक्सपो 2023 का उद्घाटन करने के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए, पीएम मोदी ने प्राचीन भारतीय कला और प्राचीन वस्तुओं की तस्करी के मुद्दे को भी उठाया।इस दौरान उन्होंने कहा कि दुनिया में भारत की बढ़ती प्रतिष्ठा के साथ, विभिन्न देशों ने अब भारतीय विरासत से संबंधित चीजों को वापस करना शुरू कर दिया है।