डेनमार्क   प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी तीन दिन की यूरोप यात्रा के दौरान आज फ्रांस पहुंचेंगे और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से चर्चा करेंगे। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी और मैक्रों में मौजूदा रूस-यूक्रेन युद्ध संकट पर भी चर्चा हो सकती है। इससे पहले आज प्रधानमंत्री मोदी ने आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे पर एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भी हिस्सा लिया और अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि सतत विकास का लक्ष्य है कि किसी को पीछे नहीं छोड़ना है। इसलिए हम अगली पीढ़ी के लिए बुनियादी ढांचे का निर्माण करने, सबसे गरीब और कमजोर लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर केवल पैसे बनाने और निवेश पर लंबी अवधि के रिटर्न कमाने के लिए नहीं है। यह आंकड़ों के बारे में नहीं है। यह पैसे के बारे में नहीं है। यह लोगों के बारे में है। यह उन्हें समान तरीके से उच्च गुणवत्ता, भरोसेमंद और टिकाऊ सेवाएं प्रदान करने के बारे में है। PM मोदी ने कहा कि ढाई साल के कम समय में CDRI ने महत्वपूर्ण पहल की है और बहुमूल्य योगदान दिया है। पिछले साल COP26 में शुरू की गई 'इंफ्रास्ट्रक्चर ऑफ रिसाइलेंट आइलैंड स्टेट्स' पहल छोटे द्वीप देशों के साथ काम करने की हमारी प्रतिबद्धता की स्पष्ट अभिव्यक्ति है: PM मोदी फिलहाल प्रधानमंत्री मोदी डेनमार्क में है और आज फ्रांस पहुंच जाएंगे। गौरतलब है कि इमैनुएल मैक्रों बीते सप्ताह ही चुनावों में फिर से निर्वाचित होकर फ्रांस में शीर्ष पद के लिए चुने गए थे।  रक्षा निर्माण के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की अपनी तलाश में फ्रांस कैसे भारत का पसंदीदा साझेदार बना रह सकता है, इस पर भी प्रधानमंत्री मोदी और मैक्रों में चर्चा होगी। दोनों नेताओं के बीच वार्ता प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष और ऊर्जा के क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने के तरीकों का पता लगाने की भी तलाश करेगी।