वॉशिंगटन । रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव के बीच जंग के हालात बने हुए हैं। दोनों देशों की ओर से सैनिकों की तैनाती और हथियारों का परीक्षण युद्ध के खतरे को बढ़ा रहा है। यूक्रेन की मदद के लिए पश्चिमी देशों ने नाटो सैन्य बलों को अपना सहयोग दिया है। शनिवार को वाइट हाउस ने कहा कि जर्मनी, पोलैंड और अर्मेनिया में तैनात अमेरिकी सैनिक यूक्रेन में रूस से लड़ने के लिए नहीं भेजे गए हैं। वे यूक्रेन में रूस के साथ युद्ध नहीं लड़ेंगे। वे सिर्फ आक्रमण के खिलाफ नाटो क्षेत्र की रक्षा करेंगे, उनकी तैनाती रक्षात्मक और नॉन-एस्केलेटरी है। वाइट हाउस ने कहा कि हम रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के दिमाग के अंदर झांक कर नहीं देख सकते, हम उनके फैसलों और इरादों को लेकर अटकलें नहीं लगा सकते... हम हर परिस्थिति के लिए तैयार हैं। अगर वह कूटनीति का रास्ता अपनाना चाहते हैं तो हम उनके साथ हैं। अगर वह आगे बढ़ना चाहते हैं तो हम निर्णायक रूप से जवाब देने के लिए अपने सहयोगियों के साथ मिलकर काम करेंगे।
वाइट हाउस ने कहा कि जिस तरह से पुतिन ने अपनी सेना का निर्माण किया और उसे यूक्रेन में तैनात किया, इंटेलिजेंस के माध्यम से जो संकेत हमें मिले हैं उनसे स्पष्ट है कि रूस सैन्य कार्रवाई करना चाहता है और यह काफी जल्दी हो सकता है। वाइट ने कहा कि इस बात की बहुत संभावना है कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन बीजिंग ओलंपिक के खत्म होने से पहले, 20 फरवरी, यूक्रेन पर सैन्य कार्रवाई और हमले का आदेश दे सकते हैं। रूस की 1 लाख से ज्‍यादा सेना ने यूक्रेन की अब तीन तरफ से घेरेबंदी पूरी कर ली है। एक तरफ जहां रूस ने अपनी यूक्रेन से लगती सीमा पर 1 लाख से ज्‍यादा सैनिकों को तैनात किया है, वहीं अब बेलारूस में भी पुतिन के 30 हजार सैनिक जोरदार अभ्‍यास कर रहे हैं। इस बीच रूस की शाक्तिशाली नौसेना ने अपने महाविनाशक युद्धपोतों को यूक्रेन के पास काला सागर में तैनात कर दिया है। रूस के खतरनाक मंसूबों को देखते हुए अब अमेरिका के राष्‍ट्रपति जो बाइडन ने अपने नागरिकों को तुरंत यूक्रेन छोड़कर चले जाने की चेतावनी दी है।  अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन ने अपने नागरिकों से अपील की कि वे तत्‍काल यूक्रेन छोड़ दें। उन्‍होंने चेतावनी दी कि रूस के साथ जंग छिड़ सकती है। ऐसे में रूसी और अमेरिकी सैनिकों को जमीन पर एक-दूसरे का सामना करने दें। बाइडन ने कहा, 'हम अभी किसी आतंकी संगठन से नहीं बल्कि दुनिया की सबसे बड़ी सेनाओं में से एक का सामना कर रहे हैं। यह बहुत अलग स्थिति है, चीजें कभी भी खतरनाक स्थिति में बदल सकती हैं।'