मॉस्को । रूस-यूक्रेन युद्ध 47वें दिन में पहुंच गया है। लेकिन युद्ध खत्म होने के आसार नहीं दिख रहे हैं। इस बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि अपने देश की रक्षा के लिए यूक्रेन पर मिलिट्री ऑपरेशन को अंजाम देने के सिवाय उनके पास कोई दूसरा रास्ता बचा ही नहीं था। उन्होंने कहा कि यूक्रेन में रूस विरोधी ताकतों के साथ संघर्ष अपरिहार्य था। पुतिन ने कहा कि हम किसी कीमत पर डोनबास में नरसंहार को बर्दाश्त नहीं करने वाले हैं। पुतिन ने फिर कहा कि वह अपने महान मकसद को हर हाल में हासिल करने वाले हैं। पुतिन ने कहा कि जो हमने कहा है या जो हमने लक्ष्य तय किया है, उस हर हाल में पूरा करने वाले हैं। 
रूस के सुदूर पूर्व में स्थित वोस्तोचनी कॉस्मोड्रोम में अवार्ड समारोह को संबोधित कर राष्ट्रपति पुतिन ने कहा, रूसी सेना यूक्रेन में अपने सैन्य अभियान को बहादुरी से अंजाम दे रही है। वे बेहद प्रभावशाली तरीके से आधुनिक हथियारों का इस्तेमाल कर रूस के मकसद को पूरा करने में लगे हुए हैं। पुतिन ने कहा, यूक्रेन में सैन्य अभियान का हमारा मुख्य मकसद डोनबास के लोगों की रक्षा करनी है। डोनबास में रूस समर्थित अलगाववादी 2014 से यूक्रेन के खिलाफ लड़ाई कर रहे हैं। पुतिन ने कहा कि हम एक तरफ लोगों को बचा भी रहे हैं और उनकी मदद भी कर रहे हैं, तब दूसरी तरफ हम अपने देश की सुरक्षा को भी सुनिश्चित कर रहे हैं। उन्होंने कहा, यह अब बिल्कुल साफ है कि हमारे पास और कोई विकल्प नहीं था। यह बिल्कुल सही फैसला था। इधर पेंटागन ने भी कहा है कि रूसी सेना डोनबास के आसपास अपनी गतिविधियां बढ़ा दी है। वह इजियम शहर के आसपास जमें हुए हैं। हालांकि अभी पूरी ताकत के साथ आक्रामकता नहीं दिखाई है। यूक्रेनी रक्षा मंत्री ने कहा, रूस ने लगभग पूरी तैयारी कर ली है और जल्द ही डोनबास में अपने सैन्य अभियान को आक्रामकता देने के फिराक में है। इसी साल 24 फरवरी को रूस ने स्पेशल ऑपरेशन के नाम पर 10 हजार से ज्यादा सैनिकों को यूक्रेन के अंदर भेजा था। इसका मकसद यूक्रेनी सैन्य ताकत को कमजोर करना था और इसतरह के लोगों को जड़ से उखाड़ फेंकना था जो खतरनाक राष्ट्रवादी माने जाते हैं।