भोपाल । प्रदेश के अलग–अलग क्षेत्रों में गरज–चमक के साथ वर्षा हो रही है। गुरुवार को वर्षा की गतिविधियों में और तेजी आने की संभावना है। वर्तमान में अलग–अलग स्थानों पर पांच मौसम प्रणालियां सक्रिय हैं। साथ ही अरब सागर से नमी आने का सिलसिला भी बना हुआ है। मौसम विभाग के अनुसार, पिछले 24 घंटों के दौरान बुधवार सुबह साढ़े आठ बजे तक ग्वालियर में 30.2, रतलाम में 1.4, गुना में 1.2, सिवनी में एक शिवपुरी में एक, भोपाल में 0.8 मिलीमीटर वर्षा हुर्इ। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक दोपहर के बाद भोपाल, नर्मदापुरम, जबलपुर, सागर, उज्जैन, इंदौर, ग्वालियर, चंबल संभाग के जिलों में बादल छा सकते हैं। साथ ही कहीं-कहीं वर्षा भी हो सकती है। मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक वर्तमान में उत्तरी पाकिस्तान पर एक पश्चिमी विक्षोभ हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में बना हुआ है। उसके प्रभाव से उत्तरी पाकिस्तान पर ही एक प्रेरित चक्रवात बन गया है। पूर्वी मध्य प्रदेश पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। इस चक्रवात से लेकर झारखंड होते हुए बिहार तक एक द्रोणिका लाइन बनी हुई है। इसके अतिरिक्त दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान पर भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। मंगलवार को शहर का अधिकतम तपमान 39.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ था, जो सामान्य से दो डिग्री सेल्सियस कम था। धूप में तल्खी रहने के कारण बुधवार को राजधानी का अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक दर्ज होने की संभावना है। हालांकि दोपहर के बाद बादल छाने के भी आसार हैं।पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि इन पांच मौसम प्रणालियों के अलावा वर्तमान में हवा का रुख उत्तरी बना हुआ है। अरब सागर से लगातार वातावरण में नमी आने के कारण प्रदेश के अधिकतर जिलों में बादल बने हुए हैं। साथ ही रुक-रुककर हल्की वर्षा हो रही है। मौसम का इस तरह का मिजाज एक-दो दिन तक बना रह सकता है। राजधानी भोपाल में भी सुबह से आसमान साफ बना हुआ है। इस वजह से धूप निकली है।