दुर्ग आरपीएफ ने रेलवे स्टेशन और ट्रेन के अंदर लोगों का टिकट चेकिंग करके वसूली करने वाले फर्जी TTE को गिरफ्तार किया है। आरोपी के पास से फर्जी आई कार्ड भी जब्त किया गया है। जीआरपी ने ठगी का मामला दर्ज कर आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। 11 अगस्त 2023 को मोहम्मद रफीक दतिमा नाम के यात्री ने दुर्ग स्टेशन के मेन गेट पर TTE को शिकायत की थी। शिकायत में उसने बताया कि ट्रेन में फर्जी टीटीई घूम-घूमकर वसूली कर रहा है। उसने बताया कि वह सुबह ट्रेन नंबर 18242 अंबिकापुर एक्सप्रेस में था, जिस व्यक्ति ने अंबिकापुर से दुर्ग तक यात्रा के दौरान उसका टिकट चेक किया वो फर्जी लग रहा था। इसके बाद टीटीई ने तुरंत इसकी सूचना आरपीएफ उसलापुर को दी। आरपीएफ ने उसलापुर रेलवे स्टेशन में फर्जी टीटीई की तलाश की, लेकिन नहीं मिला। यात्री मो. रफीक फिर से रात 8 बजे दुर्ग से अंबिकापुर जाने के लिए दुर्ग रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 4 पर खड़ा था। उसने देखा कि वही फर्जी टीटीई यहां घूम रहा है, जिसकी सूचना ड्यूटी पर तैनात टीटीई को दी। टीटीई ने तुरंत आरपीएफ को बुलाया, जिसके बाद आरपीएफ की टीम ने संदेही को पकड़ और चेकपोस्ट पर लेकर पूछताछ करने पर उसने अपना नाम अवधेश साहू सूरजपुर जिले के डबरीपारा का रहने वाला बताया। अवधेश साहू के पास से एक बैग मिला, जिसकी आरपीएफ ने तलाशी ली तो बैग रेलवे का फर्जी आईकार्ड निकला। उसमें उसका नाम संतोष स्टेशन नाम LJKR पदनाम TA II ऑपरेटिंग विभाग, बिलासपुर मंडल लिखा था। उसने भारतीय रेलवे का आइडेंटिटी कार्ड का पट्टा पहना हुआ था। उसके पास से जो आधार कार्ड मिला उसमें भी उसका नाम अवधेश साहू अंकित था और उसमें लगा फोटो भी उसी का था। जांच करने पर वह आईकार्ड फर्जी पाया गया। वहीं, उसके बैग से रेलवे से संबंधित दस्तावेज भी बरामद किया गया है। आरपीएफ ने जांच में पाया कि आरोपी ने रेलवे का डुप्लीकेट आईकार्ड रखकर ट्रेन में टिकट चेकिंग की। इस तरह उसने रेलवे को आर्थिक क्षति पहुंचाई है। इसके बाद आरोपी को जीआरपी चौकी प्रभारी दुर्ग को हैंडओवर किया गया। जीआरपी ने आरोपी के खिलाफ धारा 420 के तहत मामला दर्ज कर न्यायिक हिरासत में भेजा है।