भोपाल। अभी तक आपने आरएसएस के शिविर तो सुने होंगे, लेकिन ऐसा पहली बार कि संघ अब मुस्लिमों के लिए भी शिविरों का आयोजन करेगा। यह शिविर भी आरएसएस के अनुषांगिक संगठन राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के बैनर तले होगा। मुस्लिम मंच से नए साल में संगठनात्मक कार्य रूपरेखा तैयार की है। इसमें जोर इस बात का होगा कि मुस्लिम वर्ग में राष्ट्रवादी सोच को विकसित किया जाए। मजबूत राष्ट्र के लिए सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़े।

नए साल में राष्ट्रीय मुस्लिम मंच लगाएगा शिविर
राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के प्रदेश संयोजक फारुख खान ने बताया कि प्रदेश में लगातार राष्ट्रीय मुस्लिम मंच सक्रिय है। मंच के आगामी कार्यक्रमों को लेकर पूरा खाका तैयार किया गया है। इस साल मुस्लिमों के शिविरों का आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा कार्यशालाओं का भी आयोजन होगा। एमपी के अल्पसंख्यक बाहुल्य जिलों में विशेष सक्रियता भी बढाई जाएगी। उन्होंने बताया तालीम, तहजीब और तरक्की राष्ट्रीय मुस्लिम मंच का नारा है। जो राष्ट्रवादी सोच विकसित करने के लिए बेहद जरूरी है।

आरोप-प्रत्यारोप तेज
मामले को लेकर कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता जितेंद्र मिश्रा ने कहा कि बीते लोकसभा चुनाव के परिणाम ने भाजपा को सांप्रदायिक राजनीति करने का आईना दिखाया। मोदी सरकार बैसाखियों पर खड़ी है। लिहाजा अब आरएसएस को मुस्लिमों की याद आ रही है। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा असंख्यक वर्ग को अपना दुश्मन ही मानती है। नफरत की राजनीति करती है। यदि राष्ट्रवाद की संघ को इतनी ही चिंता है तो राष्ट्र के आधार मात्र शक्ति को सभी संघ के शीर्ष पदों पर क्यों नहीं बिठाया जाता। ऐसे हथकंडों से मुस्लिम वर्ग को सावधान रहना चाहिए। कांग्रेस के आरोप पर पलटवार करते हुए भाजपा प्रदेश प्रवक्ता शिवम शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस कहती कुछ है और करती कुछ है। तुष्टीकरण की राजनीति करने वाली कांग्रेस को इस्लाम सिर्फ जिहाद की परिभाषा दिखाई देती है। संघ और राष्ट्रीय मुस्लिम मंच सामाजिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रवादी संगठन है। ऐसे मुस्लिम जो राष्ट्रवादी सोच रख मां भारती के वैभव के लिए जीना चाहते हैं उनका हमेशा स्वागत ही रहा है। कांग्रेस मुस्लिमों ने राष्ट्रवाद नहीं बल्कि अवसरवाद की तलाश में रहती है।