कीव। रूसी सेना इस वक्त यूक्रेन में जंग लड़ रही है। 24 फरवरी को जब इस युद्ध की शुरुआत हुई तब पुतिन की सेना 'हमलावर मुद्रा' में थी लेकिन अब सैनिक पस्त हो चुके हैं और रक्षात्मक मुद्रा में बचते-बचाते घर वापसी के अवसर तलाश रहे हैं। एक इंटरसेप्टेड रूसी फोन कॉल के अनुसार रूसी सैनिक अब यूक्रेनी सेना का गोलाबारूद हासिल करना चाह रहे हैं, ताकि वे खुद अपने पैर पर गोली मार लें और इलाज के बहाने वापस घर लौट सकें। 
एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया कि उसके पास एक फोन रिकॉर्डिंग है, जिसमें एक रूसी अपनी मां से बात करते हुए कह रहा है कि हमारी यूनिट रूसी एके-74 में इस्तेमाल होने वाली 5.62 एमएम के बजाय 7.62 एमएम की बुलेट्स हासिल करना चाहती है, जो यूक्रेनियों के पास होती हैं। इन बुलेट्स से हम खुद को घायल करना चाहते हैं, ताकि हम घर वापस लौट सकें। सैनिक ने बताया कि कई अन्य सैनिक पहले ही ऐसा कर चुके हैं। सैनिक ने बताया कि उसके साथी चाहते हैं कि वे एक-दूसरे के पैर पर गोली मारें ताकि उनका इलाज किया जाए और बुडेनोव्स्क (दक्षिणी रूस का शहर) के अस्पताल में भेज दिया जाए। 
यूक्रेनी सुरक्षा सेवा की ओर से जारी इस ऑडियो में दावा किया गया है कि अब तक 120 लोग घायल होने के बाद इलाज के लिए अस्पताल भेजे जा चुके हैं और 350 लोग 'ताबूत' में रूस लौट चुके हैं। अज्ञात सैनिक ने अपनी मां को बताया कि उसकी टुकड़ी अब लड़ने लायक नहीं बची है क्योंकि यूक्रेनी सेना ने उनके सभी हथियार और उपकरण उड़ा दिए हैं और अगर अब उन पर हमला होता है तो वे मारे जाएंगे। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन का अनुमान है कि इस जंग में अब तक 7000 रूसी सैनिक मारे जा चुके हैं और 14000 से 21000 घायल हो चुके हैं। 
ऑडियो से पता चला कि सैनिक के घरवाले उसकी सुरक्षित घर वापसी के लिए प्रयास कर रहे हैं और रूसी सेना से गुहार लगा रहे हैं कि उसे वापस घर भेज दिया जाए। फोन पर महिला ने कहा मैं तुम्हारे मिलिट्री स्टेशन या यूनिट तक जाऊंगी और उनसे कहूंगी कि मैं अकेली रह गई हूं और मुझे तुम्हारी मदद चाहिए तो वे तुम्हें वापस भेज देंगे। सैनिक ने अपनी मां को चेताया कि उसके कमांडर उसे वापस नहीं भेजेंगे। उसने दावा किया कि जिन लोगों ने जंग में शामिल होने से इनकार किया उन्हें आठ साल जेल की सजा सुनाई जा चुकी है। 
कुछ दिनों पहले यूक्रेन में पकड़े गए रूसी सैनिकों ने खुलासा किया था कि पुतिन ने एक 'डेथ स्क्वाड' बनाई है जो उन भगोड़े सैनिकों की हत्या करती है, जो युद्ध में हिस्सा लेने से इनकार कर देते हैं। 22 वर्षीय डरे हुए सैनिक ने कहा कि एक टीम को युद्ध का मैदान छोड़कर घर भाग रहे सैनिकों को पकड़ने के लिए रखा गया है।