कीव । यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद हालात काफी नाजुक हो गए हैं। यूक्रेन के स्वास्थ्य मंत्री विक्टर ल्याशको ने गुरुवार को कहा था कि रूस के हमले में 57 यूक्रेनी नागरिक मारे गए हैं और 169 अन्य घायल हुए हैं। ल्याशको से मिली ताजा जानकारी के अनुसार पहले दिन की लड़ाई के बाद मरने वालों की संख्या 137 हो गई है। ल्याशको ने यह भी कहा कि यूक्रेन के अधिकारी देश की स्वास्थ्य सुविधाओं को फिर से तैयार कर रहे हैं ताकि शत्रुता के चलते हो रहे घटनाक्रम के बीच चिकित्सा सहायता की आवश्यकता वाले लोगों के लिए जगह बनाई जा सके। रूस की ओर से यूक्रेन पर हमला होने का अनुमान पहले से ही लगाया जा रहा था, जो रूस ने 23-24 फरवरी की रात को हकीकत भी बन गया। रूस के हमले से पहले अमेरिका, ब्रिटेन जैसे देश उस पर तमाम प्रतिबंध लगाने की बात कह रहे थे ताकि रूस हमला ना करे। हालांकि, रूस ने किसी की नहीं मानी और यूक्रेन पर हमला कर दिया।
रूस के हमले को यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो क्यूल्बा बेहद क्रूर कहा है। उन्होंने एक ट्वीट कर के लिखा- पुतिन ने यूरोप में महामारी के दौर में हमला किया है। इससे भी बुरा यह है कि रूसी बम यूक्रेन के अस्पतालों को निशाना बना रहे हैं। यह तो शैतान से भी बुरी हरकत है। अब तमाम सरकारों के पास सिर्फ एक ही विकल्प है कि वह यूक्रेन का हर तरीके से समर्थन करें। सात ही रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने टेलीविजन पर अपने संबोधन में कहा कि यूक्रेन में एक सैन्य अभियान शुरू करने का उनका कदम पड़ोसी देश से उत्पन्न खतरों के जवाब में उठाया गया है। पुतिन ने अन्य देशों को भी चेतावनी दी कि यदि उन्होंने रूसी सैन्य अभियान में हस्तक्षेप करने का प्रयास किया तो वे ‘ऐसे परिणाम देखेंगे जो उन्होंने कभी नहीं देखे होंगे।’