वॉशिंगटन। अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी रोडम क्लिंटन ने यहां आयोजित एक कार्यक्रम में यूक्रेन पर रूस के हमले पर अपने विचार खुलकर रखे। हिलेरी क्लिंटन ने यूक्रेन जंग में रूस का अप्रत्यक्ष रूप से साथ देने के लिए चीन को लताड़ लगाई, उन्होंने कहा कि भारत को भी इस मुद्दे पर अपना स्टैंड साफ करना चाहिए। 
उन्होंने कहा कि यूक्रेन पर आक्रमण आंख खोलने वाला साबित हुआ है। हिलेरी क्लिंटन ने कहा कि रूस से भारत का ऊर्जा आयात बहुत कम है। यह रेखांकित करना महत्वपूर्ण होगा कि एक संप्रभु राष्ट्र के रूप में भारत को अपने हितों के हिसाब से फैसले लेने होंगे। उन्होंने कहा भारत को यह बात दृढ़ता से स्पष्ट करनी चाहिए कि यूक्रेन के खिलाफ रूस के हमले पूरी तरह गलत हैं। 
चीन के साथ सीमा पर भारत के गतिरोध को ‘बहुत परेशानी वाला’ करार देते हुए उन्होंने कहा कि इस विषय पर और अधिक ध्यान देना होगा। भारत अपनी रक्षा के लिए जो भी करता है, अमेरिका उसका समर्थन करता है। उल्लेखनीय है कि अमेरिका इससे पहले भी भारत को दृढ़ता के साथ रूस के यूक्रेन पर हमलों पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करने के लिए जोर डाल चुका है। कई बार इसे लेकर अपरोक्ष रूप से दबाव बनाने की कोशिश भी हुई, लेकिन भारत अब तक अपने रुख पर कायम रहा है। 
अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी रोडम क्लिंटन कहा कि बाइडन और उनकी टीम ने वास्तव में यूरोप, नाटो गठबंधन और अन्य को एकीकृत किया है। यह मानना कि यह खतरा (रूसी आक्रमण) पहले यूक्रेन के लिए खतरा है, लेकिन यह वैश्विक व्यवस्था के लिए, कानून के शासन के लिए भी खतरा है। उत्तेजना पश्चिम से नहीं आई, यूक्रेन से नहीं आई। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन को एक स्वतंत्र संप्रभु राष्ट्र नहीं बनने देना चाहते।