कई छोटे दलों से बसपा संपर्क में 


लखनऊ । बसपा प्रमुख मायावती ने अपनी पार्टी की बुधवार को अहम बैठक बुलाई है। इस बैठक से पहले बहनजी ने जो ट्वीट किया है, वह भी अहम है। उन्होंने साफ किया है कि प्रदेश और देश में तेजी से बदल रहे राजनीतिक हालात, खास घटनाक्रमों के साथ ही आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी को लेकर बैठक बुलाई गई है। सबकी निगाह अब इस बात पर है कि आखिर, लोकसभा चुनाव से पहले बसपा कौन से नए रानजीतिक समीकरण बनाने की तैयारी कर रही है?
लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस और नीतीश की ओर से देश भर में विपक्षी एकता की कोशिशें लगातार चल रही हैं। इसमें बात यूपी की आती है तब यहां दो विपक्षी दलों सपा और बसपा की बात जरूर होगी। निगाह इस बात पर भी है कि विपक्षी एकता में ये दोनों दल किधर जाएंगे? हालांकि, मायावती पहले ही कह चुकी हैं कि वह किसी के साथ गठबंधन नहीं करेंगी लेकिन राजनीति में समय और हालात के अनुसार निर्णय भी बदलते हैं। खुद मायावती अब बदले हालात की बात भी कर रही हैं।
इस बीच कुछ छोटे दलों की बसपा से नजदीकी भी चर्चा में है। पिछड़े दलों में पकड़ रखने वाले महान दल ने बसपा को समर्थन देने का ऐलान भी कर दिया है। दल के प्रमुख केशव देव मौर्य ने सपा प्रमुख और पूर्व सीएम अखिलेश को छोटे दिल का नेता बताकर बसपा के समर्थन की बात कही है। उन्होंने कहा कि जहां लिखा है कि सपा को जिताना है, वहां आगे ब जोड़ना है। उधर, असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के भी बसपा के संपर्क में होने की बात कही जा रही है।
इससे साफ हैं, आम चुनाव से पहले बसपा खास इलाकों में पिछड़ों और मुसलमानों के बीच पकड़ रखने वाले छोटे दलों के साथ गोलबंदी करने की तैयारी कर रही है। इससे वह अपनी ताकत बढ़ाकर बताना चाहती है कि 2024 में अगर विपक्षी एकता की बात होगी तब उसके बिना मुश्किल है। इसके बाद 23 जून से पहले बैठक बुलाना और राजनीतिक हालात को ध्यान में रखकर रणनीति बनाने की बात करना भी इसी ओर इशारा है।
हालांकि विपक्षी एकता के लिए अब तक बुलाई गई बैठकों से बसपा दूर ही रही है। फिर भी भविष्य में हालात बदलते हैं, तब उसमें खुद को मजबूत दिखाना चाहेगी। इशारा इस ओर भी होगा कि अगर उसके बिना कोई विपक्षी मोर्चा बनता है तब वह खेल बिगाड़ने में भी सक्षम है।