रूस और यूक्रेन युद्ध के संघर्ष जारी है। इस बीच यूक्रेन से भारी तादात में लोग देश छोड़कर भाग रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि यूक्रेन से अब तक एक मिलियन लोग देश छोड़कर निकल चुके हैं। उनके साथ और लोगों के भी जाने की संभावना है। युद्धग्रस्त यूक्रेन में हजारों लोग कड़ाके की ठंड के बीच देश छोड़ने के लिए मजबूर हैं। यूक्रेनी नागरिक आसमान से गिरते बम के गोलों और मिसाइलों से बचते हुए अपने बच्चों को लेकर पड़ोसी देशों में पलायन कर रहे हैं। यूक्रेन से लगने वाली पड़ोसी देश पोलैंड, रोमानिया, मॉल्डोवा की सीमा चौकियों पर लंबी कतारें लगी हुई हैं।

संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि रूस के 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमला करने के बाद से अब तक लगभग एक मिलियन यूक्रेनी पड़ोसी देशों में पलायन कर चुके हैं। जो इस सदी में सबसे तेजी से होने वाला पलायन है। संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि यूक्रेन से पलायन इस सदी का सबसे बड़ा शरणार्थी संकट हो सकता है। शरणार्थियों के लिए यूएनएचसीआर के अनुसार, रूस-यूक्रेन युद्ध से पहले ही दुनिया में विस्थापित लोगों की कुल संख्या 82।4 मिलियन थी। शरणार्थियों की यह संख्या मोटे तौर लगभग जर्मनी की आबादी के बराबर है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद दुनिया में इतने शरणार्थी कभी नहीं थे।

संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि यूक्रेन छोड़ने वालों में आधे से अधिक पोलैंड में प्रवेश कर चुके हैं। इन देशों से होते हुए यूक्रेनियन अन्य यूरोपीय देशों में जा रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यूक्रेन के शरणार्थियों की संख्या तेजी से बढ़ेगी। आपको बता दें कि अब तक जो लोग यूक्रेन छोड़कर दूसरे देशों में शरणार्थी बने हैं, उनकी संख्या यूक्रेन की 44 मिलियन आबादी की केवल दो प्रतिशत है। वहीं बड़ी संख्या में लोग घरों, बम आश्रयों, मेट्रो स्टेशनों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में फंसे हुए हैं।