भोपाल : अंतर्राष्ट्रीय रामायण अधिवेशन में हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम में महाकवि निराला की अमर कृति "राम की शक्ति पूजा" की समूह नृत्य से अत्यंत भावपूर्ण प्रस्तुति रायगढ़ घराने की प्रसिद्ध नृत्यांगना शिखर सम्मान प्राप्त डॉ. विजया शर्मा और उनके समूह द्वारा दी गई। तुलसी मानस प्रतिष्ठान द्वारा मानस भवन में दो दिवसीय कार्यक्रम के पहले दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम में इस प्रस्तुति के साथ ही भरत नाट्यम की सुप्रसिद्ध कलाकार कुमारी पावनी त्रिवेदी ने और दशावतार नृत्य नाटिका की आकर्षक प्रस्तुति नीरजा सक्सेना ने दी। सभी प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध और अभिभूत कर दिया।

कार्यक्रम में पूर्व अपर मुख्य सचिव मनोज और तुलसी मानस प्रतिष्ठान के कार्यकारी अध्यक्ष रघुनंदन शर्मा, निदेशक रामायण केंद्र भोपाल राजेश , अध्यक्ष रामचरित भवन अमेरिका ओम प्रकाश गुप्ता, सचिव तुलसी मानस प्रतिष्ठान कैलाश जोशी उपस्थित थे।

प्रस्तुति का मुख्य विषय राम रावण युद्ध के दौरान माता सीता की मुक्ति के लिए भगवान श्रीराम द्वारा शक्ति की पूजा है। जामवंत, श्रीराम को शक्ति की आराधना करने की सलाह देते हैं। इसके लिए भगवान श्रीराम को 108 कमल माता को चढ़ाने हैं। भगवान श्रीराम आराधना प्रारंभ करते हैं। शक्ति उनकी परीक्षा लेती हैं और एक कमल छुपा देती हैं। श्रीराम चिंता युक्त हो जाते हैं। तभी उन्हें ध्यान आता है कि उनकी माता उन्हें राजीव नयन कहती हैं, उनके नेत्र कमल जैसे हैं। भगवान श्रीराम अपना एक नेत्र निकाल कर मातृशक्ति को अर्पित करने के लिए उद्धत होते हैं, तभी माता शक्ति वहाँ प्रकट हो जाती हैं और भगवान श्रीराम को विजय का आशीर्वाद देती हैं। सभी मनोभावों को नृत्य समूह द्वारा अत्यंत सूक्ष्मता और प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया है। कलाकारों द्वारा इस कविता का वर्णन इतना सजीव किया गया है कि लगता है आँखों के सामने कोई त्रासदी प्रस्तुत की जा रही है।

कलाकारों में कुमारी प्रियंवदा मित्तल, कुमारी बिपाशा लाड़ जैन, योगिता झगानी, पूनम रायपुरे, प्रियांशी शिपनकर, दीक्षा मनोहर, सखी अहिरवार, दिशा नेमा शामिल थी। निर्देशन डॉ. विजया शर्मा का, गायन डॉ. राजकुमारी शर्मा का और संगीत प्रकाश शुजालपुर का था।