Sri Lanka Economic Crisis: श्रीलंका में नागरिक सड़कों पर सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन कर रहे हैं। वे राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे और उनके प्रशासन पर इस संकट के गलत प्रबंधन के आरोप लगा रहे हैं।आर्थिक संकट से जूझते श्रीलंका के पूर्व प्रधानमंत्री रनिल विक्रमसिंघे ने भारत का आभार जताया है। उन्होंने कहा है कि भारत ने सबसे ज्यादा हमारी मदद की है। उन्होंने कहा है कि सरकार चीन के साथ चर्चा कर रही है। भारत सरकार ने हाल ही में मु्श्किल दौर से गुजर रहे श्रीलंका को ईंधन की खेप भेजी थी। इसके अलावा अप्रैल में कई और खेप भेजा जाना बाकी है। मुल्क के हालात इतने बदतर होते जा रहे हैं कि नागरिक बुनियादी चीजें जुटाने की कोशिश में जान दांव पर लगा रहे हैं।
 पूर्व प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने राजधानी कोलंबो से भारत के लिए संदेश जारी किया। उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि भारत ने हमारी सबसे ज्यादा मदद की है। हमें यह देखना होगा कि वे गैर-आर्थिक तरीकों से भी हमारी मदद कर रहे हैं। इसलिए हम उनके आभारी हैं।'उन्होंने जानकारी दी कि सरकार ने चीन से निवेश की मांग की थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने कहा, 'इस सरकार के तहत कोई भी बड़ा चीनी निवेश नहीं हुआ है। उन्होंने निवेश को लेकर मांग की थी, लेकिन निवेश नहीं आया... मुझे लगता है कि कर्ज चुकाने को लेकर रीशेड्यूलिंग पर चर्चाएं जारी हैं। उन्होंने चीनी सरकार से बात की है, मुझे इतना ही पता है।'

सरकार के खिलाफ तेज हुए प्रदर्शन
नागरिक सड़कों पर सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन कर रहे हैं। वे राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे और उनके प्रशासन पर इस संकट के गलत प्रबंधन के आरोप लगा रहे हैं। महीनों से श्रीलंका वासियों ईंधन, गैस, खाना और दवाएं खरीदने के लिए लंबी कतारों में लग रहे हैं। ईंधन की कमी के चलते घंटों बिजली गुल रहती है। खबर है कि गैस या केरोसीन खरीदने के लिए कतार में घंटों लगे रहने के चलते कम से कम 4 बुजुर्गों की मौत हो गई है।