उज्जैन ।   विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में 25 दिसंबर से 4 जनवरी तक आस्था का सैलाब उमड़ेगा। नए साल में देशभर से हजारों भक्त भगवान महाकाल के दर्शन व श्री महाकाल महालोक को देखने के लिए उज्जैन आएंगे। मंदिर समिति द्वारा भीड़ वाले दिनों के लिए नई दर्शन व्यवस्था लागू की जाएगी। सूत्र बताते हैं नई सरकार बनने के बाद ही मंदिर की व्यवस्थाओं का निर्धारण होगा। चुनाव आचार संहिता खत्म होने के बाद मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में दर्शन व्यवस्था को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय हो सकते हैं। बीते वर्ष की विदाई व नए साल के स्वागत में प्रतिवर्ष 25 दिसंबर से 4 जनवरी तक देश विदेश से हजारों भक्त भगवान महाकाल के दर्शन करने उज्जैन आते हैं। इस दौरान शहर के होटल, लाज, यात्रीगृह फुल रहते हैं। भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रशासन द्वारा नई दर्शन व्यवस्था लागू की जाती है। इस बार भी देशभर के श्रद्धालु तो उज्जैन आने की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन अफसरों को इंतजार प्रदेश में नई सरकार के गठन का है। सूत्र बताते हैं अधिकारी नई सरकार बनने के बाद ही दर्शन सहित अन्य व्यवस्थाएं तय करने की बात कह रहे हैं। बताया जाता है प्रबंध समिति की अगली बैठक में सशुल्क दर्शन व्यवस्था को लेकर भी महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं।

आम और खास को बाहर से ही होंगे भगवान के दर्शन

बताया जाता है नए साल में भी भक्तों को नंदी, गणेश व कार्तिकेय मंडपम से ही भगवान महाकाल के दर्शन कराए जाएंगे। श्रावण मास से गर्भगृह में आम भक्तों का प्रवेश बंद है। आम और खास भक्तों को बाहर से भगवान के दर्शन कराए जा रहे हैं। इस व्यवस्था से हजारों भक्त बिना किसी परेशानी के भगवान महाकाल के दर्शन कर रहे हैं। मंदिर प्रशासन कम समय में अधिक लोगों को भगवान के दर्शन करा पा रहा है। भक्त भी इस दर्शन व्यवस्था से काफी खुश हैं।