तेलंगाना फोन टैपिंग मामले में पिछले दिनों बड़ी कार्रवाई हुई है। हैदराबाद में फोन टैपिंग और कुछ कंप्यूटर सिस्टम और आधिकारिक डेटा को नष्ट करने के आरोपित पूर्व पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) से बीते गुरुवार को पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था। बता दें कि राव शहर टास्क फोर्स में पुलिस उपायुक्त थे। अगस्त 2020 में सेवानिवृत्त होने पर वह तीन-तीन साल के लिए दो एक्सटेंशन पाने में सफल रहें।

गिरफ्तार पुलिस अधिकारी में से एक राधाकृष्ण राव ने कई खुलासे किए। तेलंगाना जासूसी मामले में राधाकृष्ण राव ने जो दावे किए हैं बताया जा रहा है कि उससे अगले महीने के लोकसभा चुनाव में एक बड़ा मुद्दा बन सकता है। राधाकृष्ण राव ने दावा किया कि साल 2018 और 2023 के विधानसभा चुनावों में आधिकारिक वाहनों में नकदी ले जाई गई थी।

BRS तेलंगाना की सत्ता में बनी रहे इसलिए...

पुलिस द्वारा दायर रिमांड रिपोर्ट के अनुसार, गिरफ्तार पुलिस अधिकारी ने कहा कि भुजंगा राव, प्रणीत राव, तिरुपतन्ना और वेणुगोपाल राव ने तत्कालीन राज्य खुफिया ब्यूरो प्रमुख टी प्रभाकर राव के नेतृत्व में साजिश रची थी। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बीआरएस तेलंगाना में सत्ता में बनी रहे। राधाकृष्ण राव ने उदाहरण के तौर पर दुब्बक और मुनुगोडे उपचुनाव का भी हवाला दिया। उन्होंने कहा कि बाद के चुनाव से पहले कोमाटिरेड्डी राज गोपाल रेड्डी से जुड़े लोगों से ₹ 3.5 करोड़ जब्त किए गए थे।

इंटरसेप्टेड कॉल के आधार पर जब्त किए 1 करोड़

साल 2020 में डबक उपचुनाव में भाजपा के रघुनंदन राव ने बीआरएस के सोलिपेटा रेड्डी को हराया था। राधाकृष्ण राव के मुताबिक, इंटरसेप्टेड कॉल के आधार पर बीजेपी नेता से जुड़ी चिटफंड कंपनी चलाने वाले एक व्यक्ति से ₹1 करोड़ जब्त किए गए। साल 2023 में वह बीआरएस के कोठा प्रभाकर रेड्डी से सीट हार गए। 

आपको मालूम हो कि मामले की जांच के दौरान पुलिस ने हाल ही में पूर्व एसआइबी प्रमुख टी प्रभाकर राव और कमिश्नर टास्क फोर्स के तत्कालीन पुलिस उपायुक्त पी राधाकृष्ण और एक तेलुगु टीवी चैनल के एक वरिष्ठ कार्यकारी के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) भी जारी किया था।