भोपाल । मध्य प्रदेश में इस साल होने वाले चुनाव को लेकर प्रमुख राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस मैदान में उतर चुकी हैं। लेकिन सर्वे ने दोनों ही दलों का सारा हिसाब बिगाड़ दिया है। दरअसल, सर्वे में भाजपा और कांग्रेस के कई विधायकों की स्थिति खराब है। साथ ही दोनों ही पार्टी में गुटबाजी और भीतरघात भी खुलकर दिख कर रही है। भाजपा में दो दर्जन से अधिक सीटों पर भीतरघात का खतरा मडरा रहा है। इसी तरह कांग्रेस में दर्जनभर से अधिक सीटों पर भीतरघात का डर है। सर्वे के बाद जो रिपोर्ट सामने आई है उससे दोनों ही दल के समीकरण उलझ गए हैं। यही वजह है कि दोनों दलों के हाईकमान ने पूरी ताकत झोंक दी है।
दरअसल, भाजपा और कांग्रेस के प्रदेश संगठन, दिल्ली हाईकमान, संघ और थर्ड पार्टी कई दौर का सर्वे करा चुके हैं। कुछ सर्वे 2023 में बनने वाली सरकार को लेकर हुए हैं तो कुछ सर्वे भाजपा-कांग्रेस के वर्तमान विधायकों की स्थिति को लेकर हुआ है।2023 में सरकार के हिसाब से सर्वे का औसत मिला-जुला सामने आया है। कुछ सर्वे में कांग्रेस की पूर्ण बहुमत की सरकार बनना बताई गई है, तो कुछ में स्पष्ट भाजपा की सरकार बनने का दावा किया गया है। लेकिन भाजपा-कांग्रेस की नींद वर्तमान कब्जा वाली सीटों को लेकर उड़ी हुई है।
अमित शाह के ताजा सर्वे में भाजपा के 127 में से 40 विधायकों की स्थिति बेहद नाजुक बताई जा रही है। शाह की टीम अब नए सिरे से क्रॉस सर्वे कर रही है। भाजपा के काबिज सीटों पर संघ भी कई दौर का सर्वे करा चुका है और नाजुक स्थिति वाले विधायकों को बकायदा स्थिति सुधारने की नसीहत दे चुका है। प्रदेश सरकार और संगठन भी सर्वे कराकर विधायकों की क्लास ले चुका है।
वहीं पीसीसी चीफ कमलनाथ भी पिछले एक साल में कई बार सर्वे करा चुके हैं। जिन विधायकों की स्थिति नाजुक मिली है। कमलनाथ बकायदा वन टू वन चर्चा कर सुधार के लिए उन्हें सुझाव भी दे चुके हैं। कमलनाथ के हाल ही के एक सर्वे में कांग्रेस के 97 में से 28 सीटें डेंजर जोन में बताई गई हैं।
चुनाव को लेकर दोनों दलों के हाईकमान ने पूरी ताकत झोंक दी। देश के पीएम की सीधी नजर मध्य प्रदेश पर है। हाल ही में पीएम मोदी दो बार प्रदेश का दौरा कर चुके हैं। अगस्त-सितंबर में फिर दो बार मोदी आएंगे। वहीं महीने भर में अमित शाह के चार दौरे हुए है। जेपी नडडा और राजनाथ सिंह की सभाएं प्रस्तावित है। इधर शिव-वीडी की जोड़ी दिन रात चुनाव में लगी है। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और ज्योतिरादित्य सिंधिया के भी लगातार दौरे जारी हैं।
वहीं कांग्रेस के हाईकमान ने भी मोर्चा संभाल लिया है। दो महीने में दो बार माहौल जमाने प्रियंका गांधी आ चुकी हैं। राहुल गांधी सीधी मॉनिटरिंग कर रहे हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े के दौरे ताबड़तोड़ होंगे। वहीं कर्नाटक में जीत दिलाने वाले रणदीप सुरजेवाला को सीनियर ऑब्जर्बर बनाया गया है। इधर, प्रदेश की सेकंड लीडरशिप भी मैदान में है। दिग्विजय सिंह हारी सीटों की खाक छान चुके हैं। कमलनाथ लगातार दौरा कर रहे हैं।
इधर, आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी की जमीन तलाशने में जुटी हुई हैं। आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान दो बार मध्य प्रदेश आ चुके हैं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी यूपी से सटे बुंदेलखंड के दौरे पर आने वाले हैं।