नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 के लिए इंडिया गठबंधन के साथ-साथ एनडीए भी अपनी राजनीतिक बिसात फैलाने में लग गया है. बिहार एनडीए सांसदों की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांसदों को जीत के मंत्र दिए.

पीएम मोदी ने बैठक में एनडीए की एकता, त्याग और स्थायित्व के इतिहास पर बल दिया. सूत्रों ने बताया कि बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि एनडीए मतलब स्टेबिलिटी है. इसने देश की राजनीति को स्थायित्व दिया है. पीएम मोदी ने 1967 से लेकर अबतक के राजनीतिक घटनाक्रम का जिक्र करते हुए कहा कि देश की अस्थाई राजनीति को स्थायित्व देने का काम एनडीए ने ही किया.

पीएम मोदी ने कहा कि एनडीए गठबंधन के पहले प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई जी के नेतृत्व में 25 साल पहले बनी थी, उस वक्त जो राजनीतिक अस्थिरता थी उस दौर को एनडीए ने खत्म किया और देश की राजनीति को स्थायित्व दिया. राजीव गांधी की सरकार के बाद अब एनडीए की स्थाई और पूर्ण बहुमत की सरकार चल रही है.
पीएम मोदी ने कहा कि एनडीए गठबंधन का निर्माण स्थायित्व और विकास को ध्यान में रखकर हुआ था, उसमें कोई स्वार्थ नहीं था, लेकिन आज के जमाने में गठबंधन निजी स्वार्थ के लिए किए जा रहे हैं. बैठक में पीएम मोदी ने सबको सम्मान देने और सबको साथ लेकर चलने की बात कही.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे और बादल परिवार का नाम लिए बगैर पीएम मोदी ने कहा कि राजनीति में कई बार बड़े कारणों या लक्ष्य को पाने के लिए त्याग और कुर्बानी करनी पड़ती है. बीजेपी इसमें सदा तत्पर रही है और बीजेपी ने कई मौकों पर इसके लिए त्याग भी किया है. पीएम ने बिहार के एनडीए सांसदों से कहा अपने अपने क्षेत्र में जाइए और काम में मन से जुट जाइए अब समय नहीं बचा है. उन्होंने सरकार के कामों से जनता को आगाह करने की बात भी कही.
पीएम ने सिक्किम का उदाहरण देते हुए कहा कि एक बार सिक्किम के गवर्नर ने किसानों से पूछा की किसान सम्मान निधि से लाभान्वित होते हैं तो उन्होंने कहा कि नहीं, जबकि हकीकत ये थी कि वो लाभान्वित हो रहे थे, लेकिन उनको जानकारी ही नहीं थी. लिहाजा आप सभी को अपने अपने क्षेत्र में जनता को जागरूक बनाकर और जुड़कर भी रहना होगा. सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र पीएम ने कहा कि 2014 हो या 2019 हमने देश की जनता से जो भी वायदे किए वो सब पूरे किए. उन्होंने कहा कि ये संतोष की बात है कि हमारे सरकार को काम करने वाली सरकार के तौर जाना जाता है.

इस बीच ने बिहार के सांसदों को पीएम मोदी ने नसीहत देते हुए कहा कि लोगों तक पकड़ मजबूत बनाने के लिए नए नए कार्यक्रम, नए आइडिया और नए प्रयोग पर काम करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि नए कार्यक्रम से जनता को आकर्षित किया जाना चाहिए. साथ ही पीएम ने ये भी कहा कि एनडीए सांसदों को सोशल मीडिया पर पूरी तरह सक्रिय रहने की जरूरत है.

जातिवाद से ग्रसित राज्य बिहार के एनडीए सांसदों को पीएम नरेंद्र मोदी ने ये भी सलाह दी कि सिर्फ जाति का नेता बनकर न रहें, बल्कि अपने क्षेत्र और इलाके के लोगों के विकास के लिए काम करें. सिर्फ जाति के नेता बनने से अधिक लाभ नही होता इसके साथ साथ अगर विकास पुरुष की छवि बने तो वो राजनीति के लिए ज्यादा लाभप्रद होता है.

वहीं, दूसरी बैठक में मौजूद सूत्रों का कहना है कि पीएम मोदी ने यूपीए और एनडीए सरकार के विकास कार्यों की तुलना की. सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि यूपीए के पास गिनाने के लिए सिर्फ़ एक योजना थी, मनरेगा आपके पास 100 से ज़्यादा योजनाएं बताने और दिखाने को हैं. अपनी सरकार के कामों को ज्यादा से ज्यादा जनता तक पहुंचाए. जिन राज्यों में सरकारें नहीं हैं, उन राज्यों में अपनी सरकार के समय के काम और विपक्ष की सरकार के समय के कामों की तुलना करके जनता को बताएं.

बता दें कि गुरुवार की दूसरी और एनडीए सांसदों की बैठक की फेहरिस्त में छठवीं बैठक के होस्ट मिनिस्टर अनुराग ठाकुर और अजय भट्ट थे, जबकि बैठक के कोऑर्डिनेटर बीजेपी मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी और महासचिव दुष्यंत गौतम को बनाया गया था. इस बैठक में डिग्निटरीज़ के तौर पर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी मौजूद रहे. इस बैठक में दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, चंडीगढ़, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर और लद्दाख के 36 सांसद मौजूद रहे. बैठक में एनडीए सांसदों को आगामी चुनावों के दृष्टि से मुद्दों और तैयारियों पर मार्गदर्शन दिया गया.