भोपाल । भारतीय सेना द्वारा अग्निवीर भर्ती में अब मनोवैज्ञानिक टेस्ट भी जोड़ा गया है। पहली बार शारीरिक प्रवीणता परीक्षा के तुरंत बाद अभ्यर्थियों का मनोवैज्ञानिक टेस्ट होगा। इसके लिए सेना द्वारा अध्ययन सामग्री तैयार कराई है। यह भारतीय सेना की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
यहां टेस्ट में आने वाले सवालों का स्तर, प्रश्न पत्र को हल करने का तरीका और मॉक टेस्ट तक की सुविधा अभ्यर्थियों के लिए उपलब्ध है। अभी शारीरिक प्रवीणता परीक्षा में करीब ढाई महीने का समय है। सेना के अधिकारियों का कहना है, शारीरिक प्रवीणता परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को तुरंत यह टेस्ट देना होगा, इसलिए अभी से इसकी प्रैक्टिस शुरू करने की जरूरत है। इसी वजह से अभी से इसे वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है।


सेना की वेबसाइट
 ज्वाइन इंडियन आर्मी डॉट एनआइसी डाट इन ’ पर जाकर जाकर सैंपल पेपर, प्रश्न पत्र हल करने का तरीका और सवालों का स्तर जाना जा सकता है। यहां अभ्यर्थी माक टेस्ट भी दे सकते हैं। सेना के अधिकारियों का कहना है, जितना अधिक प्रैक्टिस अभ्यर्थी अभी करेंगे उतनी उन्हें सुविधा होगी। क्योंकि निर्धारित समय में मनोवैज्ञानिक टेस्ट पूरा करना होगा।


50 अंक का होगा टेस्ट, ऐसे देनी होगी परीक्षा
शारीरिक प्रवीणता परीक्षा में सबसे पहले दौड़ इसके बाद ऊंची कूद, लंबी कूद, चिन अप, जिग-जैग का चरण होगा। इसमें जो अभ्यर्थी सफल रहेंगे, उनके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर लिंक भेजी जाएगी। इस लिंक पर क्लिक करते ही सामने प्रश्न पत्र होगा। जिसमें 50 प्रश्न होंगे। 50 प्रश्नों को हल करना होगा। 50 अंक का यह टेस्ट होगा। इसे सफल करने के बाद ही मेडिकल परीक्षण के लिए प्रवेश पत्र जारी होगा। अगर मनोवैज्ञानिक टेस्ट में अभ्यर्थी असफल रहते हैं तो मेडिकल परीक्षण नहीं होगा, उन्हें अयोग्य कर दिया जाएगा।


अब मनोवैज्ञानिक टेस्ट क्यों जरूरी
भारतीय सेना के अधिकारियों का कहना है कि मनोवैज्ञानिक टेस्ट के जरिये अभ्यर्थियों के मानसिक स्तर को जांचा जा सकता है। वह कठिन परिस्थितियों में चुनौती को किस तरह लेते हैं, इससे उनके निर्णय और जोखिम लेने की क्षमता का आंकलन करने के बाद ही आगे के लिए योग्य माना जाएगा। अब सैनिक शारीरिक के साथ मानसिक रूप से मजबूत और तकनीकी रूप से दक्ष चाहिए। ड्रोन अटैक और अन्य तकनीकी का इस्तेमाल जंग में होता है। इसलिए अब सैनिक तकनीकी रूप से दक्ष चाहिए।