इंदौर ।   राऊ विधानसभा सीट पर इस बार बड़ा उलटफेर हुआ है। 2018 में कांग्रेस की तरफ से विधायक रहे जीतू पटवारी ने भाजपा प्रत्याशी मधु वर्मा को 5703 वोट से हराया था, लेकिन इस बार मधु ने जीतू के खिलाफ 35,522 मतों से जीत दर्ज की है। मतगणना के दौरान मधु ने शुरुआत से बढ़त बनाए रखी। कुछ ऐसे भी राउंड रहे, जिसमें जीतू आगे निकले। तब उनके समर्थक नेहरू स्टेडियम में इकट्ठा होने लगे और जमकर नारेबाजी की। मगर 12वें राउंड के बाद मधु ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। हर राउंड में एक से लेकर डेढ़ हजार मत से आगे रहे। बढ़त बढ़ते ही जीतू के समर्थक धीरे-धीरे स्टेडियम से जाने लगे। शाम 4 बजे जीतू भी वर्मा की जीत पक्की मानते हुए मतगणना स्थल से लौट गए।

कुल वोट: 2,71,553
कुल प्रत्याशी: 11
कितने राउंड: 23
जीत का अंतर: 35,522
भाजपा को मिले मत: 1,51,672
कांग्रेस को मिले मत: 1,16,150

अन्य दलों को मिले मत:

- देवकी मंडलोई (बसपा) : 1050
- आकाश बोदडे (रिपब्लिकन पार्टी आफ इंडिया) - 670
- मोहन सोनगरा गोलू : 544
- असीफ पटेल 121
- मधु वर्मा : 579

विनिंग फेक्टर:

2008 में राऊ विधानसभा सीट पर भाजपा ने जीत हासिल की थी। इसके बाद जीतू ने सीट पर कब्जा किया। दो बार विधायक रखने के बावजूद जीतू की पकड़ जनता के बीच कमजोर होती गई। इसका भाजपा ने भरपूर फायदा उठाया। वैसे पिछले चुनाव में हार मिलने के बाद मधु ने क्षेत्र की जनता से सतत् संपर्क बनाए रखा। साथ ही चुनाव को लेकर संगठन की रणनीति काम आई। घर-घर तक लोगों से मिले। जबकि जीतू ने उन क्षेत्र में ठीक से संपर्क नहीं किया। जहां पिछले चुनाव में बढ़त मिली थी। इन क्षेत्रों में भाजपा ने दो से तीन बार प्रचार किया। छोटे-छोटे स्तर पर भी चुनावी सभाएं की गई।

प्रत्याशी के वर्जन

कार्यकर्ताओं की मेहनत
बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं व जनता से संपर्क की वजह से जीत मिली है। प्रत्येक कार्यकर्ता अपने स्तर पर चुनावी कार्यों में लगा था। उनकी मेहनत की बदौलत मुझे जीत हासिल हुई है। छह महीने से कार्यकर्ता अपने-अपने क्षेत्रों में जनता को जोड़ने में लगे थे।

-मधु वर्मा, प्रत्याशी, भाजपा

हार-जीत चलती रहती है
यह लोकतंत्र है। चुनाव में हार व जीत चलती रहती है। जनता सिर्फ पांच साल के लिए ही चुनती है। चुनाव में हार को लेकर समीक्षा की जाएगी। स्थिति को समझेंगे। काम करेंगे और फिर लड़ेंगे।-

- जीतू पटवारी, प्रत्याशी, कांग्रेस