वॉशिंगटन। नासा को प्राप्त हुई एक तस्वीर से मंगल ग्रह पर प्राचीन काल में जीवन होने के ‎‎निशान ‎मिलने का दावा ‎किया जा रहा है। नासा के क्यूरियोसिटी रोवर ने मंगल पर पत्थरों के अजीब संरचना की तस्वीरें खीचीं हैं। इन तस्वीरों में मंगल के पत्थरों की अंदरूनी बनावट को दिखाया गया है। ये बनावट पूर्व ऐतिहासिक काल के जानवरों के कंकाल अवशेषों की तरह दिखते हैं। क्यूरियोसिटी रोवर की इन तस्वीरों में चट्टान जैसी संरचना से बाहर निकली हुई स्पाइक्स का एक गुच्छा भी दिखाई दे रहा है। जानकारी के अनुसार ये तस्वीरें मंगल ग्रह पर 154 किलोमीटर लंबे गेल क्रेटर के सतह पर ली गई थीं। इन तस्वीरों को कैद करने के लिए क्यूरियोसिटी रोवर ने मास्ट कैमरा और केमकैम का उपयोग किया था। अब इन तस्वीरों ने मंगल पर प्राचीन जीवन की उपस्थिति को लेकर एक बहस छेड़ दी है। 
गौरतलब है ‎कि नासा के मार्स साइंस लेबोरेटरी (एमएसएल) मिशन के हिस्से के रूप में क्यूरियोसिटी रोवर अगस्त 2012 से गेल क्रेटर में घूम रहा है।
इन तस्वीरों को देखने वाले कुछ लोगों का मानना है कि यह एक मछली का अवशेष है। जबकि, कई अन्य का मानना है कि यह एक देवदार के पेड़ की शाखा जैसा दिखता है। हालांकि, एक बात सुनिश्चित है, जो सभी लोग मान रहे हैं कि ये तस्वीरें अविश्वसनीय हैं। गेल क्रेटर के कुछ पत्थरों में हड्डी जैसी संरचना भी पाई गई है। ‎जिससे इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि मंगल ग्रह पर कभी पानी के बड़े-बड़े तालाब थे। यह भी संभावना है कि इसकी सतह के नीचे आज भी कुछ पानी छिपा हो सकता है। गेल क्रेटर मंगल ग्रह पर मौजूद सबसे बड़ी झीलों में से एक है। इसकी उत्पत्ति 3.5 से लेकर 3.8 अरब साल पहले की बताई जा रही है। गेल क्रेटर जो कभी झील हुआ करती थी, वो अब 154 किलोमीटर चौड़ा एक गड्ढा है।
क्यूरियोसिटी रोवर के मिशन के उद्देश्यों में मंगल ग्रह का अध्ययन शा‎मिल है। खगोल विज्ञानी नथाली ए. कैबरोल ने ट्विटर पर इसका एक स्नैपशॉट पोस्ट करते हुए कहा कि मंगल ग्रह का अध्ययन करने के 20 वर्षों में यह अब तक की सबसे विचित्र चट्टान है। बहुत से लोग ऐसे हैं, जिन्हें यह विश्वास है कि मंगल पर कभी जीवन हुआ करता था, हालांकि वर्तमान में उनके चुनिंदा सबूत ही मौजूद हैं। यह पहली बार नहीं है जब क्यूरियोसिटी रोवर ने मंगल की सतह से अजीबोगरीब तस्वीर को पृथ्वी पर भेजा है। पिछले साल जून में रोवर ने मंगल की सतह से बाहर निकलने वाली कई विचित्र घुमावदार संरचनाओं की खोज की थी।