कीव । रूस और यूक्रेन में पिछले 58 दिनों से युद्ध जारी है। यूक्रेन में भारी नुकसान होने के बावजूद रूसी सेना पीछे हटने को राजी नहीं है। रूसी सेना के हमले में यूक्रेन का बंदरगाह शहर मारियुपोल पूरी तरह से खंडहर में तब्दील हो चुका है। इस शहर के अजोवस्टल स्टील प्लांट पर अभी भी यूक्रेनी सैनिकों का कब्जा है। स्टील प्लांट पर कब्जे को लेकर रूसी सेना ने खूब हमले किए, लेकिन उन्हें यूक्रेनी सैनिकों के प्रतिरोध के कारण सफलता नहीं मिली। 
इसके बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूसी सेना से स्टील प्लांट पर हमला रोकने का आदेश दिया। उन्होंने यूक्रेनी सैनिकों से आत्मसमर्पण करने की अपील करते हुए पूरे स्टील प्लांट को सील करने का हुक्म सुना दिया। पुतिन ने कहा कि इस स्टील प्लांट को ऐसे सील किया जाए, जिससे एक मक्खी भी अंदर से बाहर न निकल सके। इसके बाद अंदर फंसे यूक्रेनी सैनिकों की हालत खराब होने लगी है।
मारियुपोल में अंतिम यूक्रेनी रक्षकों में से एक ने स्टील प्लांट के अंदर फंसे सैनिकों के हालात की जानकारी दी। उसने कहा कि स्टील प्लांट पूरी तरह से बर्बाद हो चुका है। हमले के कारण गिरी इमारतों के नीचे बड़े पैमाने पर नागरिक फंसे हुए हैं। यूक्रेनी सेना के आजोव रेजिमेंट के कैप्टन शिवतोस्लाव पालमार ने दावा किया कि उनके रक्षकों ने रूसी सेना के हमले को नाकाम कर दिया है। कैप्टन ने दावा किया कि मैं हमेशा कहता हूं कि जब तक हम  हां हैं, मारियुपोल यूक्रेन के नियंत्रण में है। कैप्टन पालमार ने कहा कि रूसियों ने युद्धपोतों से स्टील प्लांट पर गोलीबारी की और उस पर बंकर-बस्टिंग बम गिराए। 
आजोव रेजिमेंट के इस कैप्टन ने दावा किया कि अजोवस्टल क्षेत्र में सभी इमारतें खंडहर में बदल चुकी हैं। रूसी सेना हैवी बम, बंकर-बस्टिंग बम गिरा रही है, जिस कारण भारी विनाश हो रहा है। हम बंकरों के अंदर घायल हैं और मर रहे हैं। कुछ नागरिक ढह गई इमारतों के नीचे फंसे हुए हैं। कैप्टन ने मारियुपोल में बचे यूक्रेनी सैनिकों की संख्या को बताने से इनकार कर दिया, पर इतना जरूर कहा कि उनकी संख्या रूसी सैनिकों के हमले को नाकाम करने के लिए पर्याप्त है। उन्होंने दावा किया कि रूसी सेना ने आम लोगों को निशाना बनाया। 
कैप्टन के अनुसार, आम नागरिक लड़ाकों से अलग स्थान पर थे। बेसमेंट में 80 से 100 लोग छिपे हुए थे, जिनका अब कुछ पता नहीं चल रहा है। कैप्टन ने कहा इमारतों के गिरने से और भारी गोलीबारी के कारण हमारे लड़ाके उन तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ बंकरों की एंट्री पॉइंट भारी कंक्रीट स्लैब गिरने के कारण ब्लॉक हो गए हैं, जिसे अब सिर्फ क्रेन और बुलडोजर के जरिए ही हटाया जा सकता है। हम उन लोगों से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं, जो मलबों में दबे हुए हैं।