शहर के बीचों-बीच एक ऐसा मंदिर है, जहां गर्भगृह में एक या दो नहीं बल्कि 72 देवी-देवताओं की मूर्तियों की पूजा होती है. साथ ही शालिग्राम भगवान की 262 मूर्तियां भी मौजूद है. हम बात कर रहे हैं पटना के बाकरगंज स्थित भीखम दास ठाकुरबाड़ी की. यह पटना का इकलौता ऐसा मंदिर है, जहां गर्भगृह में इतनी बड़ी संख्या में भगवान की मूर्तियों की रोज पूजा-अर्चना होती है. इस ठाकुरबाड़ी में रखी सारी चीजें ऐतिहासिक है और सैकड़ों साल पुरानी भी है. मंदिर के पुजारी विद्यार्थी जी की मानें तो यहां मौजूद शालिग्राम भगवान की मूर्तियां 500 साल से भी ज्यादा पुरानी है. इस मंदिर से जुड़े पूर्वजों ने देश के कोने-कोने से मूर्तियों को लाकर गर्भगृह में स्थापित किया, तभी से रोज पूजा-अर्चना और श्रृंगार होने लगा.

जगन्नाथ भगवान भी देंगे दर्शन

पुजारी विद्यार्थी जी बताते हैं कि इस दरबार में हनुमान, शंकर, नरसिंह भगवान, विष्णु भगवान, राधा- कृष्ण, राम-जानकी, जगन्नाथ भगवान, शालिग्राम भगवान, बिठल भगवान, लड्डू गोपाल सहित कई देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित है. संख्या की बात करें तो गर्भगृह में 72 विग्रह मूर्तियां हैं और शालिग्राम भगवान की 262 मूर्तियां हैं. सबके पहरेदार के रुप में गर्भगृह के आगे हनुमान जी मौजूद हैं. इसके अलावा इस ठाकुरबाड़ी में सैकड़ों साल पुराने शंखों का भी संग्रह है. यहां की हर एक चीज पुरानी और एतिहासिक है.

चमत्कारी है यह ठाकुरबाड़ी

पुजारी विद्यार्थी जी बताते हैं कि इस ठाकुरबाड़ी के पूर्वज बहुत ही सिद्ध आत्मा थे. उनका भगवान से सीधे संपर्क होता था. जब यज्ञ का आयोजन होता था, तब कोई चीज घट जाने पर साधु-संत बोलते थे कि जाओ गंगा जी से मांग कर लाओ. गंगा का पानी जब बर्तन में भर कर लाते थे वो घी में तब्दील हो जाता था. बर्तन में गंगा का रेत आटा का रुप ले लेता था. ऐसी कई कहानियां इस ठाकुरबाड़ी के बारे में कही जाती है.