दीपावली की शुरुआत धनतेरस के साथ हो गई है. दो दिनों के बाद दीपावली का त्योहार पूरे देश में खुशियों के साथ मनाया जाएगा. दीपावली के दिन लोग अपने-अपने घरों में दीप जलाते हैं और एक दूसरे को मिठाई भी बांटते हैं. दीपावली के दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा तो की ही जाती है, साथ ही यह दिन पितरों के लिए भी विशेष होता है, क्योंकि दीपावली अमावस्या तिथि पर मनाई जाती है, जो पितरों को समर्पित होती है. पितृ दोष से पीड़ित लोग दीपावली पर कुछ उपाय करके इससे मुक्ति पा सकते हैं.

हर साल दीपावली का त्योहार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है. इस वर्ष 31 अक्टूबर को प्रदोष युक्त अमावस्या है, जिस दिन दीपावली मनाई जाएगी. दीपावली के दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा से उनकी कृपा तो मिलती ही है, साथ ही कुछ विशेष कार्य करके पितरों का भी आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है, क्योंकि यह तिथि पितरों को समर्पित मानी जाती है.

दीपावली के दिन क्या करें
पितरों को प्रसन्न करने और पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए अमावस्या की रात पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का चौमुखा दीया जलाएं. यह दीया पितृ, पितामह, और पर-पितामह के नाम से जलाना चाहिए. इसके साथ ही पितरों के नाम से अन्न, वस्त्र, और जल का दान अवश्य करें, जिससे पितर प्रसन्न होते हैं और घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है. प्रदोष काल में माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करने के बाद पितृसूक्त का पाठ भी अवश्य करें. इससे पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और पितर प्रसन्न होते हैं.