गाजापट्टी । चूने के पत्थर से निर्मित इस मूर्ति के मिलने से पता चलता है कि गाजा पट्टी जो प्राचीन सभ्यताओं के लिए व्यापार का अहम मार्ग था, वह मूल रूप से एक कनानी बस्ती थी।
प्राचीन देवी की यह मूर्ति पत्थर से बनी है। मूर्ति के चेहरे पर 22 सेमी ऊंची एक नक्काशी है, जो सर्प मुकुट का रूप लिए हुए है। इससे जाहिर होता है कि यह देवी का चेहरा है। सोशल मीडिया पर गाजा पट्टी के कुछ लोग इस देवी को हाल के वर्षों में इजरायल और आतंकवादी समूह हमास के बीच बढ़े विनाशकारी संघर्ष से जोड़कर देख रहे हैं। 
इस मूर्ति की खोज गाजा पट्टी के दक्षिण में ख़ान यूनुस में रहने वाले एक किसान निदाल अबु ईद ने की। निदाल ने बताया यह मूर्ति हमें संयोग से मिली। खेत में एक जगह काफी कीचड़ जमा थी। उसे धोने के लिए हमने पानी डाला और तभी हमें यह मूर्ति मिली। इसे देखकर पहले तो लगा था कि यह कोई कीमती चीज़ होगी, लेकिन इसकी इतनी ज्यादा पुरातात्विक अहमियत होगी, इस बात का हमें अंदाजा नहीं था। अबु ईद कहते हैं कि हमें गर्व है कि हम फिलिस्तीन की उस ज़मीन पर रह रहे हैं, जो कनानी युग से जुड़ी है।
कनानी देवी अनत की इस मूर्ति को अब गाजा की ऐतिहासिक इमारत क़सर अल बाशा के संग्रहालय में रख दिया गया है। हमास सरकार में पर्यटन मंत्री जमाल अबु रिदा ने इस मूर्ति को मीडिया के सामने पेश करते हुए कहा कि यह खोज साबित करती है कि फिलिस्तीनियों की अपनी अलग सभ्यता और प्राचीन इतिहास है, जिससे कोई इनकार नहीं कर सकता। कनानी सभ्यता से ही फिलिस्तीनी लोग हैं। भले ही हमास के मंत्री प्राचीन देवी अनत की मूर्ति को लेकर अब इतिहास की बात कर रहे हों, लेकिन इस इस्लामी चरमपंथी संगठन पर पहले एक कनानी शहर तेल अल सकन को तबाह करने का इल्जाम लग चुका है। हमास ने गाजा शहर के दक्षिण में मौजूद बड़ी आबादी वाले शहर में मिलिट्री बेस के लिए रास्ता बनाने के वास्ते इस शहर को नष्ट कर दिया था।