मास्‍को । दुनियाभर में तेल की बढ़ती कीमतों के बीच भारत की तरह रूस से सस्‍ता तेल मंगाने के सपने देख रही पाकिस्‍तान की शहबाज शरीफ सरकार को व्‍लादिमीर पुतिन ने करारा झटका दिया है। दरअसल पूर्ववर्ती इमरान सरकार ने रूस से सस्ता कच्चा तेल देने का आग्रह किया था, लेकिन पुतिन प्रशासन ने अब तक इसकी मंजूरी नहीं दी है।
इस बीच पाकिस्‍तान के वित्‍त मंत्री मिफ्ताह इस्‍माइल ने कहा है कि अगर अमेरिकी प्रतिबंधों का खतरा नहीं रहता है, तो उनका देश रूस से सस्‍ता तेल खरीदना चाहेगा। एक साक्षात्‍कार में पाकिस्‍तानी वित्‍त मंत्री ने पूछा गया कि क्‍या भारत की तरह से अगर सस्‍ते तेल का ऑफर मिले तो क्या पाकिस्‍तान उसे रूस से खरीदने पर विचार करेगा, इस पर इस्‍माइल ने कहा कि 'निश्चित रूप से विचार करेंगे। हालांकि इस्‍माइल ने कहा वह नहीं समझते हैं कि यह पाकिस्‍तानी बैंको के लिए संभव हो पाएगा। उन्‍होंने यह भी दावा किया कि पाकिस्‍तान को अभी तक रूस ने इस तरह का कोई ऑफर नहीं दिया है।
इस्‍माइल ने बताया पिछली सरकार ने रूस से तेल खरीदने पर बातचीत की थी, लेकिन मैं समझता हूं कि रूस अभी प्रतिबंधों के दायरे में है। रूस ने पिछली सरकार की ओर से लिखे गए पत्र का अभी तक जवाब नहीं दिया है। उन्‍होंने कहा प्रतिबंधों की मार झेल रहे रूस से तेल खरीदने की कल्‍पना करना भी पाकिस्‍तान के लिए बहुत कठिन है। बता दें कि रूस पर लगाए गए अमेरिकी प्रतिबंधों के मुताबिक मास्‍को से तेल खरीदने पर अभी कोई प्रतिबंध नहीं है। हालांकि बाइडन प्रशासन नए प्रतिबंधों पर विचार कर रहा है जो भविष्‍य में तेल खरीदने पर भी प्रतिबंध लगा सकता है।
इस बीच पाकिस्‍तानी वित्‍त मंत्री के इस बयान पर इमरान खान की करीबी रही पूर्व मंत्री शिरीन मजारी ने पलटवार किया है। उन्‍होंने कहा कि वित्‍तमंत्री इस्‍माइल अज्ञानी हैं। रूस से तेल खरीदने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। भारत से पूछो। वास्‍तव में अमेरिकी डर के अलावा उन्‍हें रूस से तेल खरीदने के लिए क्‍या रोक रहा है। गेहूं के आयात के मुद्दे पर इस्‍माइल ने कहा कि पाकिस्‍तान ने यूक्रेन और रूस दोनों से गेहूं खरीदने के लिए तैयार है। बता दें कि भारत ने अमेरिकी धमकी के बाद भी रूस से सस्‍ता तेल खरीदना जारी रखा है। यूक्रेन पर हमले के बाद से अब तक भारत ने रूस से 3 करोड़ 40 लाख बैरल कच्‍चा तेल खरीदा है।